South Korea:  घंटों के गतिरोध के बाद राष्ट्रपति यून को हिरासत में नहीं ले सके प्राधिकारी

यून द्वारा लगाए गए अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ के बाद से जारी राजनीतिक संकट और एक महीने के भीतर दो राष्ट्राध्यक्षों के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने से दक्षिण कोरियाई राजनीति पंगु हो गयी है. देश की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने कहा कि उसके जांचकर्ताओं को यून के आधिकारिक आवास में प्रवेश करने से रोक दिया गया जिसके बाद उन्हें सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण वापस बुला लिया गया. एजेंसी ने बताया कि संख्या में कम उसके जांचकर्ताओं की राष्ट्रपति के सुरक्षा बलों के साथ कई बार झड़प हुई. उसने कहा कि वह ‘‘संदिग्ध के रवैये पर गंभीर खेद व्यक्त करती है जिन्होंने कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया.’’ राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने कहा कि उसने आधिकारिक कर्तव्य में बाधा डालने के संदेह में राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा के प्रमुख और उप प्रमुखों के खिलाफ जांच करने की योजना बनाई है और उन्हें शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया है.

यून उनसे पूछताछ की जांचकर्ताओं की कोशिश को पिछले कई सप्ताह से विफल कर रहे हैं. यून आखिरी बार 12 दिसंबर को अपने आवास से बाहर निकले थे. उस समय वह निकट स्थित राष्ट्रपति कार्यालय गए थे और उन्होंने टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि वह उन्हें हटाने के प्रयासों का विरोध करेंगे. जांचकर्ता इस बात की जांच कर रहे हैं कि तीन दिसंबर को यून द्वारा लगाया गया अल्पकालिक ‘मार्शल लॉ’ विद्रोह के समान है या नहीं. यून उनकी नीतियों को विपक्ष के प्रभुत्व वाली संसद द्वारा अवरुद्ध किए जाने से हताश थे और इसीलिए उन्होंने तीन दिसंबर को ‘मार्शल लॉ’ लागू कर दिया और ‘नेशनल असेंबली’ को घेरने के लिए सेना भेज दी. यह भी पढ़ें : Odisha: ओडिशा के CM माझी ने बेमौसम बारिश को ‘प्राकृतिक आपदा’ घोषित किया, किसानों को मुआवजा मिलेगा

संसद ने कुछ ही घंटों बाद इस घोषणा को सर्वसम्मति से निष्प्रभावी कर दिया. दक्षिण कोरिया में अल्पकालिक मार्शल लॉ लागू करने का आदेश देने पर ‘नेशनल असेंबली’ में राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ लाया गया महाभियोग का प्रस्ताव 14 दिसंबर को पारित हो गया था. उन पर विद्रोह का आरोप लगाया गया है. दक्षिण कोरियाई भ्रष्टाचार रोधी अधिकारियों और सरकारी अभियोजकों ने इस घटनाक्रम की अलग-अलग जांच शुरू की. सियोल की एक अदालत ने यून को हिरासत में लेने और उनके आवास की तलाशी के लिए मंगलवार को वारंट जारी किए थे लेकिन जब तक वह अपने आधिकारिक आवास में हैं, तब तक इसे लागू करना जटिल है. यून के वकीलों ने बृहस्पतिवार को वारंट को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, सैन्य गोपनीय दस्तावेजों से जुड़े स्थानों की उसके प्रभारी की सहमति के बिना तलाशी नहीं ली जा सकती. इसी कानून के तहत वारंट की यून के आवास पर तामील नहीं की जा सकती. कार्यालय ने कहा कि वह आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा लेकिन उसने अभी यह नहीं बताया कि वह यून को हिरासत में लेने का एक और प्रयास करेगा या नहीं. यून को हिरासत में लेने का वारंट एक सप्ताह के लिए वैध है.

अगर जांचकर्ता यून को हिरासत में लेने में सफल हो जाते हैं, तो वे उनकी औपचारिक गिरफ्तारी के लिए अदालत से अनुमति मांगेंगे. अन्यथा, उन्हें 48 घंटे बाद रिहा कर दिया जाएगा. शुक्रवार को हज़ारों पुलिसकर्मियों को यून के आवास के आस-पास तैनात किया गया और उन्होंने यून समर्थक प्रदर्शनकारियों के चारों ओर घेरा बना लिया. कड़ाके की ठंड के बावजूद यून के आवास पर बड़ी संख्या में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण कोरियाई एवं अमेरिकी झंडे लहराए और राष्ट्रपति के समर्थन में नारे लगाए. आवास के बाहर किसी बड़ी झड़प की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली. जांचकर्ताओं के यून को हिरासत में लेने के लिए उनके आवास पहुंचने के बाद कई घंटों तक गतिरोध की स्थिति बनी रही.