आरबीआई का बड़ा फैसला, जल्दी ही सभी बैंकों के एटीएम से बिना कार्ड नकदी निकालने की सुविधा मिलेगी

इस बारे में एनपीसीआई, एटीएम नेटवर्क और बैंकों को जल्द ही अलग-अलग निर्देश जारी किए जाएंगे. विकास और नियामक नीतियों पर एक वक्तव्य में कहा गया है कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के उपयोग से ग्राहकों की पहचान की जाएगी जबकि ऐसे लेनदेन का निपटान एटीएम नेटवर्क के माध्यम से होगा.

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कार्ड धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की घोषणा की. इसके तहत रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को एटीएम से बिना कार्ड (Cardless) के नकदी निकासी की सुविधा शुरू करने की अनुमति देने का फैसला किया है. वर्तमान में देश के कुछ ही बैंकों द्वारा एटीएम (ATM) के माध्यम से कार्ड-रहित नकदी निकासी की सुविधा दी जा रही है. यह सुविधा भी ग्राहकों को तभी मिलती है, जबकि वे संबंधित बैंक के एटीएम का इस्तेमाल करते हैं. RBI ने दी बड़ी सुविधा, अब बिना कार्ड डाले सभी बैंकों के ATM से निकाल सकते हैं पैसे, जानिए कैसे

एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे प्रमुख बैंक इस सुविधा की पेशकश कर रहे हैं. सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए ग्राहकों को संबंधित बैंक के ऐप या वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा और कार्ड-रहित नकद निकासी करनी होगी. इसके बाद, ग्राहक को एक पिन मिलता है, जिसे निकासी के लिए सिस्टम में पंच करना होगा.

आरबीआई की ताजा घोषणा के साथ कार्ड रहित लेनदेन अब किसी भी एटीएम पर किया जा सकता है, भले ही ग्राहक का बैंक कोई भी हो. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘अब यूपीआई का उपयोग करते हुए सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्क में कार्ड-रहित नकद निकासी सुविधा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है. इसके उपयोग से लेनदेन करने में आसानी होगी. इसके साथ ही बिना कार्ड के नकदी निकासी की सुविधा से कार्ड कार्ड क्लोनिंग जैसी धोखाधड़ी को भी रोकने में मदद मिलेगी.’’

इस बारे में एनपीसीआई, एटीएम नेटवर्क और बैंकों को जल्द ही अलग-अलग निर्देश जारी किए जाएंगे. विकास और नियामक नीतियों पर एक वक्तव्य में कहा गया है कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के उपयोग से ग्राहकों की पहचान की जाएगी जबकि ऐसे लेनदेन का निपटान एटीएम नेटवर्क के माध्यम से होगा.

भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के संबंध में उन्होंने कहा, यह बिल भुगतान को अन्य उत्पादों या प्रणालियों के साथ काम करने के लिए ‘इंटरऑपरेबल’ मंच है. इसमें पिछले कुछ वर्षों में बिलों का भुगतान करने वालों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.

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