
नयी दिल्ली, एक अप्रैल केंद्र सरकार ने एक ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से मंगलवार को कहा कि मणिपुर में ‘पीएम-किसान’ योजना के कार्यान्वयन में कुछ ‘अनियमितताएं’ सामने आई हैं और राज्य सरकार ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपात्र किसानों को हस्तांतरित की गई किसी भी राशि की वसूली करने का आदेश दिया गया है।
मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘मणिपुर सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, महालेखाकार (एजी) की ऑडिट रिपोर्ट में कुछ अनियमितताओं की सूचना दी गई थी। तदनुसार, सरकार ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है।’’
फरवरी 2019 में शुरू की गई ‘पीएम-किसान’ योजना एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य खेती-योग्य भूमि के मालिकों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है।
इस योजना के तहत, किसानों के आधार से जुड़े बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ हस्तांतरित किया जाता है।
मंत्री ने कहा कि केंद्र ने शुरुआत से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से 3.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिन किसानों ने अनिवार्य मानदंडों को पूरा नहीं किया, उनका लाभ रोक दिया गया। जब भी ये किसान अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, उन्हें योजना का लाभ मिलता है, साथ ही उनकी देय किस्तें, यदि कोई हों, दे दी जाती हैं।’’
उन्होंने कहा कि देश भर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से 416 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई है।
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