हैदराबाद में छह लाख लोगों को कोरोना संक्रमण की आशंका : अध्ययन
कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

हैदराबाद में कम से कम छह लाख ऐसे लोग हो सकते हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित हों लेकिन उनमें से ज्यादातर बिना लक्षण वाले हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. बुधवार को एक अध्ययन में यह बात कही गयी है. सीएसआईआर - सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर बॉयोलोजी (सीसीएबी) और सीएसआईआर - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलोजी (आईआईसीटी) द्वारा कराये गये अध्ययन में कहा गया है कि सार्स कोव-2 से संक्रमित व्यक्तियों के न केवल नाक और मुंह से बल्कि मल के जरिए भी वायरस बाहर आते हैं.

सीसीएमबी और आईआईसीटी ने संभावित रूप से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या का अनुमान लगाने के लिए संयुक्त प्रयास के तहत विभिन्न सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) से सीवेज नमूने इकट्ठा किये. सीसीएमबी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि हैदराबाद के 80 फीसद एसटीपी पर कराये गये इस अध्ययन से खुलासा हुआ कि करीब दो लाख लोग वायरस संबंधी सामग्री उत्सर्जित कर रहे हैं. सीसीएमबी ने कहा कि चूंकि केवल 40 फीसद सीवेज ही एसटीपी में पहुंचता है, जो इस बात का संकेत है कि यहां करीब छह लाख लोगों में यह वायरस था या अब है. सीसीएमबी ने कहा, ‘‘ हैदराबाद के बाद 80 फीसद एसटीपी पर आधारित इस अध्ययन से खुलासा हुआ है कि करीब दो लाख ऐसे हैं जिनके शरीर से इस वायरस संबंधी सामग्री निकल रही है.’’ यह भी पढ़े: COVID-19 Peak in India: भारत में कब चरम पर पहुंचेगा कोरोना वायरस का प्रकोप?

उसने कहा, ‘‘चूंकि बस 40 फीसद सीवेज ही एसटीपी में पहुंचता है ऐसे में यह आंकड़ा संभावित रूप से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या का अधिक गहराई से अनुमान लगाने के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है और यह अनुमान करीब छह लाख होता है जो जनसंख्या का छह फीसद है. उनमें लक्षण और बिना लक्षण वाले और हाल ही में स्वस्थ हुए व्यक्ति शामिल हैं.’’ सीसीएमबी ने कहा कि उसका अध्ययन मेडआरएक्सआईवी में पोस्ट किया गया है और उसकी अभी समीक्षा नहीं हुई है.

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