नयी दिल्ली, 24 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरोजिनी नगर बाजार में भारी भीड़ पर चिंता जताते हुए शुक्रवार को कहा कि कोविड हो या गैर-कोविड, वहां की स्थिति “भयावह” है और लोगों के हुजूम से भगदड़ हो सकती है और इसमें सैकड़ों लोगों की जान जा सकती है।
विगत में उसी बाजार में एक बम विस्फोट हुआ था। अदालत ने कहा कि कोविड है या नहीं, लोगों को सतर्क रहना होगा। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि सरोजिनी नगर बाजार में कोविड-19 संक्रमण या भगदड़ से कोई मौत होती है तो नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली पुलिस के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से इसके जिम्मेदार होंगे।
अदालत ने एनडीएमसी के अधिकारियों के खिलाफ अवैध विक्रेताओं और उनके सामान सहित बाजार से अतिक्रमण हटाने के अपने पहले के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए अवमानना नोटिस भी जारी किया। अदालत ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को बाजार में लोगों की आवाजाही के लिए एक योजना तैयार करने को तथा एनडीएमसी और अन्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि वहां कोई भीड़भाड़ न हो।
अदालत ने डीडीएमए को तुरंत बाजार का दौरा करने और महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्थिति का आकलन करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, "इन तस्वीरों से पता चलता है कि रात के समय सारा सामान वहां पड़ा होता है और नीली शीट से ढंका होता है। कोविड या गैर-कोविड, हम देखते हैं कि स्थिति भयावह है। भगदड़ हो सकती है, सैकड़ों मौतें हो सकती हैं। अगर उस इलाके में बम विस्फोट होता है, एक भी हमलावर हो तो जरा सोचिए कि विस्फोट और भगदड़ में कितने लोग मारे जाएंगे।’’
पीठ ने कहा कि सरोजिनी नगर बाजार में पहले भी बम विस्फोट हो चुके हैं और भगवान नहीं करे अगर ऐसी कोई घटना होती है, तो क्या होगा।
जब एनडीएमसी के वकील ने कहा कि क्रिसमस के कारण बाजार में रोजाना 70,000 से 80,000 लोग आते हैं और उन्हें नियंत्रित करने की जरूरत है। उन्होंने अदालत से अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित करने का आग्रह किया। इस पर पीठ ने कहा कि उसने पहले ही निर्देश दिया था अधिकारी किसी को भी अतिक्रमण नहीं करने दें, चाहे वह दुकानदार हो या कोई अन्य।
पीठ ने कहा कि "अगर कोई दुकानदार सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण कर रहा है, तो उसे हटाने के लिए क्या आपको हमारे आदेश की आवश्यकता है? आप उसे खुद नहीं हटाएंगे... हम समझ नहीं पा रहे हैं कि क्या हो रहा है।"
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त स्थायी वकील नौशाद अहमद खान ने दलील दी कि बाजार की चारदीवारी की ऊंचाई बहुत कम है जिससे लोग कूद कर बाजार में प्रवेश कर जाते हैं। इसके अलावा बाजार में कई प्रवेश और निकास हैं।
अदालत ने एनडीएमसी को बाजार की दीवार पर बाड़ लगाने को कहा ताकि लोग कूद कर अंदर प्रवेश नहीं कर सकें।
अदालत सरोजिनी नगर बाजार में अवैध अतिक्रमण और वहां अनधिकृत विक्रेताओं से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
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