मुंबई, 17 नवंबर : मुंबई में सितंबर में चेचक फैलने के बाद से इस बीमारी से सात संदिग्ध मौतें होने के साथ ही 164 मामले सामने आए हैं. बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने यह जानकारी दी. बीएमसी ने बुधवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि नए 184 मामलों में बुखार और शरीर पर दाने हैं और इसके साथ ही शहर में संदिग्ध चेचक के मामले बढ़कर 1,263 हो गए हैं. इन मामलों में 1 से 4 साल तक के आयु वर्ग के 647 बच्चे शामिल हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है, 12 नए मरीजों को भर्ती करने के बाद, अस्पताल में चेचक के मरीजों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है. एक निकाय अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि सोमवार को एक साल के एक बच्चे की चेचक से मौत हो गई. नल बाजार में रहने वाले बच्चे का इलाज पिछले सप्ताह से बीएमसी द्वारा संचालित कस्तूरबा अस्पताल चिंचपोकली में चल रहा था.
नगर निकाय ने अपने बुलेटिन में कहा, हालांकि शहर में चेचक के संक्रमण के कारण सात संदिग्ध मौतें हुई हैं, लेकिन उनकी मौत के सही कारण की पुष्टि समीक्षा समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट देने के बाद ही की जा सकेगी. बुलेटिन में कहा गया है, चेचक का नवीनतम प्रकोप शहर के आठ नागरिक वार्डों में फैला हुआ है और सबसे अधिक मामले एम-ईस्ट वार्ड से हैं, जिसमें गोवंडी और आसपास के क्षेत्र शामिल हैं. विज्ञप्ति के अनुसार, नगर निकाय ने विभिन्न अस्पतालों में चेचक के मामूली और गंभीर लक्षण वाले मरीजों के लिए एकांत वार्डों की व्यवस्था की है. कस्तूरबा अस्पताल में पांच वेंटिलेटर के अलावा, सबसे ज्यादा 83 बिस्तर उपलब्ध हैं. नगर निगम के अधिकारियों ने माता-पिता से 9-16 आयु वर्ग के बच्चों को बीमारी के खिलाफ टीका लगवाने की अपील की है. यह भी पढ़ें : Monkeypox Cases: कनाडा ने मंकीपॉक्स के 1,444 मामलों की पुष्टि की
बीएमसी की विज्ञप्ति में पहले कहा गया था कि चेचक में बच्चे को बुखार, सर्दी, खांसी और शरीर पर लाल दाने हो जाते हैं. इस बीमारी की जटिलता उन बच्चों में गंभीर हो सकती है, जिन्हें आंशिक रूप से टीका लगाया गया है या जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्होंने शहर में चेचक के मामलों में वृद्धि के बाबत मुंबई में एक उच्च-स्तरीय बहु-विषयक टीम की प्रतिनियुक्ति की है. आगे कहा गया, यह टीम सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, अपेक्षित नियंत्रण और रोकथाम उपाय करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों की सहायता करेगी.