जयपुर, पांच जून राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर रहना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव लाकर पर्यावरण संजोने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को एक नई गति प्रदान करते हुए ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान’ चलाएगी, जिसके अंतर्गत इसी साल वर्षाकाल में सात करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा।
शर्मा बुधवार को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल तथा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय विश्व पर्यावरण दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिजली एवं पानी सीमित रूप से उपलब्ध हैं इसीलिए इनको बचाना भी उत्पादन है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
इसी दिशा में मुख्यमंत्री जल स्वाबलंबन अभियान का दूसरा चरण प्रगतिरत है, जिसके अंतर्गत बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए प्रदेशभर में 3,500 करोड़ रुपए की लागत से एक लाख 10 हजार वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया जा रहा है।
समारोह में मुख्यमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर जयपुर के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली लांच की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज (बुधवार) से प्रारंभ हुए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाभियान के तहत सात करोड़ पौधों में से तीन करोड़ आमजन को रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं तीन करोड़ राजकीय भूमि और एक करोड़ ओरण एवं चारागाह भूमि पर लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने व्यापार को आसान बनाने के लिए कई नवाचार किए हैं जिससे उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार प्रदूषण रहित आवागमन की सुविधा के लिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा जैसे बड़े शहरों के लिए 500 इलेक्ट्रिक बस उपलब्ध करवा रही है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि आज (बुधवार) जयपुर के लिए शुरू किए जा रहे 'वेदर एंड पॉल्यूशन फॉरकास्टिंग सिस्टम' को अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस योजना के तहत पांच लाख से अधिक घरों पर सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे तथा इन परिवारों को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिल मिलेगी। उन्होंने कहा कि यूएन के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के क्रम में फ्यूल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2030 तक पूरा किया जाना था, लेकिन केंद्र सरकार इसे 2025-26 में ही हासिल करने जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आमजन से आह्वान किया कि पर्यावरण को बचाने के लिए पानी की बर्बादी रोकें, घरों के आस-पास अधिक से अधिक पेड़ लगाए तथा प्लास्टिक के थैलों की बजाय कपड़ों के थैलों को अपनाएं।
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