जरुरी जानकारी | वैश्विक स्तर पर बिकवाली दबाव से सेंसेक्स 525 अंक लुढ़का, टाटा स्टील में 9.5 प्रतिशत की गिरावट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. वैश्वक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 525 अंक लुढ़क गया जबकि एनएसई निफ्टी 17,400 के नीचे बंद हुआ। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की इस सप्ताह होने वाली बैठक में प्रोत्साहन उपायों को कम किये जाने की घोषणा की संभावना को देखते हुए वैश्विक स्तर पर बिकवाली दबाव देखने को मिला।

मुंबई, 20 सितंबर वैश्वक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 525 अंक लुढ़क गया जबकि एनएसई निफ्टी 17,400 के नीचे बंद हुआ। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की इस सप्ताह होने वाली बैठक में प्रोत्साहन उपायों को कम किये जाने की घोषणा की संभावना को देखते हुए वैश्विक स्तर पर बिकवाली दबाव देखने को मिला।

कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट से धारणा और कमजोर हुई। इसके अलावा, चीन में प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड के समक्ष संकट और इसका दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव को देखते हुए वैश्विक स्तर पर जिंसों के दाम पर प्रतिकूल असर पड़ा।

बाजार में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट रही और तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 524.96 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 58,490.93 अंक पर बंद हुआ।

इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 188.25 अंक यानी 1.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,396.90 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में 9.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में टाटा स्टील रहा। इसके अलावा, एसबीआई, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी, डा. रेड्डीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा और अल्ट्रा टेक सीमेंट भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहें।

मानक सूचकांक में आधे से अधिक गिरावट एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक तथा टाटा स्टील की वजह से आयी।

दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचयूएल, बजाज फिनसर्व, आईटीसी, एचसीएल टेक, नेस्ले इंडिया, बजाज फाइनेंस और आरआईएल शामिल हैं। इनमें 2.84 प्रतिशत तक की तेजी रही।

बाजार में सोमवार को आयी इस बड़ी गिरावट के कारण निवेशकों को 3.49 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कारोबार समाप्ति पर 2,55,47,063.52 करोड़ रुपये रहा।

जुलियस बेअर के कार्यकारी निदेशक मिलिंद मुचाला ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि अंतत: भारतीय बाजार में तेजी पर कुछ अंकुश लगा है। इसका प्रमुख कारण वैश्विक बाजारों में बिकवाली दबाव है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘निवेशकों के मन में दो चीजें चल रही हैं। पहला, फेडरल रिजर्व की बैठक और चीन में जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी पर दबाव के कारण रियल एस्टेट बाजार में अनिश्चितता।’’

मुचाला के अनुसार, ‘‘बाजार उत्सुकता से फेडरल रिजर्व के बांड खरीद कार्यक्रम में कमी को लेकर समयसीमा और मात्रा के बारे में स्पष्ट रुख का इंतजार कर रहा है। हमारा मानना है कि इस सप्ताह होने वाली बैठक में बांड खरीद में कमी के बारे में पहले से सूचना दी जा सकती है। उसके बाद नवंबर में होने वाली बैठक में इसकी औपचारिक घोषणा की जा सकती है।’’

एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘‘चीन में रियल एस्टेट कंपनी के समक्ष चुनौतियों का असर वैश्विक बाजार पर पड़ने की आशंका में दुनिया के प्रमुख बाजारों में गिरावट रही...दैनिक उपयोग वाले सामान से जुड़े शेयरों को छोड़कर अन्य खंडवार सूचकांकों में कमजोर रुख रहा।’’

एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग 3 प्रतिशत से अधिक नीचे आ गया। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजार अवकाश के कारण बंद थे।

यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा।

अब सबकी निगाह मंगलवार से शुरू फेडरल रिजर्व की बैठक पर है। इस सप्ताह ब्रिटेन और जापान समेत 16 केंद्रीय बैंकों की बैठकें होने वाली है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.92 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73.89 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 26 पैसे टूटकर 73.34 पर बंद हुई।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\