कोविड-19 की दूसरी लहर और ओमीक्रोन ने 2021 में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को संकट में डाला
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को 2021 में गंभीर दबाव का सामना करना पड़ा. उसे कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के कारण आई कोविड-19 की क्रूर दूसरी लहर की मार झेलनी पड़ी, जिसमें संक्रमण के दैनिक मामलों और मौतों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई और वर्ष का अंत आते-आते नए स्वरूप ओमीक्रोन के मामले भी बढ़ने लगे.
मुंबई, 28 दिसंबर : महाराष्ट्र के स्वास्थ्य क्षेत्र को 2021 में गंभीर दबाव का सामना करना पड़ा. उसे कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के कारण आई कोविड-19 की क्रूर दूसरी लहर की मार झेलनी पड़ी, जिसमें संक्रमण के दैनिक मामलों और मौतों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई और वर्ष का अंत आते-आते नए स्वरूप ओमीक्रोन के मामले भी बढ़ने लगे. कोविड-19 मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए महाराष्ट्र के संघर्ष के दौरान, उसे कुछ अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं का भी सामना करना पड़ा जिसमें कई मरीजों और बच्चों की जानें गईं. इन घटनाओं ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को संकट में डालने के साथ ही चिकित्सा केंद्रों में सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए. इससे पहले साल की शुरुआत में, राज्य में म्यूकरमाइकोसिस यानी ‘ब्लैक फंगस’ के भी कई मामले सामने आए और मरीजों को इसके इलाज के लिए महंगी दवाएं खरीदने के लिए संघर्ष करना पड़ा, जिनकी आपूर्ति कुछ महीनों तक बहुत कम रही थी.
वहीं, सकारात्मक पहलू यह रहा कि महाराष्ट्र, जनवरी में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से सबसे ज्यादा कोविड टीके लगाने वाला दूसरा राज्य बन गया और उसे इसके लिए बंबई उच्च न्यायालय से तारीफ भी मिली. अदालत ने हाल में कहा कि राज्य कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न संकट से सफलतापूर्वक निपटने में “अग्रदूतों में से एक रहा.” देश में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने के 11 महीने से अधिक समय में 26 दिसंबर तक महाराष्ट्र ने 13,10,21,074 खुराकें (7,95,56,437 पहली खुराक और 5,14,64,637 दूसरी खुराक सहित) दी थीं - वह टीके की सबसे ज्यादा खुराकें देने में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर है. यह भी पढ़ें : Omicron Scare: भारत में बढ़ी ओमिक्रॉन की रफ्तार, एक दिन में 150 से ज्यादा नये मामले आए सामने, कुल संख्या 600 के पास पहुंची
इस साल की शुरुआत में, कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप ने महाराष्ट्र सहित देश में घातक दूसरी लहर शुरू की, और मार्च और मई के बीच प्रतिदिन कई लोगों की मौत हुई. राज्य के निगरानी अधिकारी डॉ प्रदीप आवते ने ‘पीटीआई-’ को बताया, “दूसरी लहर के दौरान, राज्य में अप्रैल और मई के दो महीनों में करीब 60,000 मरीजों की मौत हुई. फिर, मामले दोबारा से घटने लगे. हालांकि, अब अगर आप आंकड़े देखें तो संख्या फिर से बढ़ने लगी है.”