नयी दिल्ली, 19 सितंबर बाजार नियामक सेबी ने ऋण प्रतिभूतियों को सार्वजनिक रूप से जारी करने की प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए नियमों में संशोधन किया है। इस पहल का उद्देश्य प्रतिभूति जारी करने वालों के लिए कोष तक पहुंच में तेजी लाना है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संशोधित नियमों के तहत उन जारीकर्ताओं के लिए मसौदा प्रस्ताव दस्तावेजों पर सार्वजनिक टिप्पणी मांगने की अवधि को सात कार्य दिवस से घटाकर एक दिन कर दिया है, जिनकी प्रतिभूतियां पहले से ही सूचीबद्ध हैं। अन्य जारीकर्ताओं के लिए यह पांच दिन है।
नियामक ने एक अधिसूचना में कहा कि न्यूनतम अभिदान अवधि को तीन से घटाकर दो कार्य दिवस कर दिया गया है। इसके अलावा, मूल्य दायरा या प्रतिफल में संशोधन के मामले में, प्रस्ताव दस्तावेजों में बताई गई बोली अवधि को अब तीन के बजय एक कार्य दिवस तक बढ़ाया जा सकेगा।
नए नियमों का उद्देश्य व्यापार करने में आसानी और निर्गम जारी करने वालों के लिए चीजों को सुगम बनाना है।
इसके अलावा, सेबी ने प्रस्ताव दस्तावेजों में गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों के लिए खुलासा जरूरतों को सरल बनाया है। इसने प्रस्ताव दस्तावेजों में प्रवर्तकों के पैन और व्यक्तिगत पते के खुलासे की आवश्यकता को हटा दिया है।
नियामक ने स्पष्ट किया कि प्रमुख परिचालन और वित्तीय मापदंडों का खुलासा वित्तीय सूचना आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा।
इसे अमल में लाने के लिए सेबी ने गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों को जारी करने और सूचीबद्धता नियमों में 17 सितंबर को संशोधन किया। यह उसी दिन से प्रभावी हो गया है।
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