Adani Case: अडाणी मामले में सेबी दृढ़ता से अपना कर्तव्य निभाए और समय पर जांच पूरी करे- कांग्रेस

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को अडाणी समूह के मामले में दृढ़ता के साथ अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और समय पर जांच पूरी करनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बार फिर यह कहा कि इस मामले की सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही सामने आ सकती है.

Congress Photo Credits PTI

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर : कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) को अडाणी समूह के मामले में दृढ़ता के साथ अपना कर्तव्य निभाना चाहिए और समय पर जांच पूरी करनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बार फिर यह कहा कि इस मामले की सच्चाई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की जांच से ही सामने आ सकती है. अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले कर रही है और आरोपों की जेपीसी से जांच कराए जाने की मांग कर रही है. अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है. उसका कहना है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है.

रमेश ने मीडिया में आई खबर का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हाल में संगठित ‘अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) को इस बात के पक्के सबूत मिले कि अडाणी के सहयोगी विदेशी ‘टैक्स हेवन’ में मुखौटा कंपनियों को नियंत्रित कर रहे थे. इन सभी की अडाणी समूह की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी थी.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘ये सब सेबी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए किया गया था. ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ और ‘गार्डियन’ (ब्रिटिश समाचार पत्र) जैसे विश्व के प्रमुख समाचार पत्रों ने इस ख़बर को विस्तार से कवर किया है.’’ यह भी पढ़ें : Ghaziabad Rape Case: पिता पुत्री के रिश्ते को कलंकित करते हुए बाप ने किया नाबालिग बेटी के साथ दुष्‍कर्म

रमेश ने कहा, ‘‘हम सेबी से आग्रह करते हैं कि वह दृढ़ता से अपना कर्तव्य निभाए और समय पर अपनी जांच पूरी करे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम फिर से यह दोहराते हैं कि केवल जेपीसी ही बड़े पैमाने पर हुए अडाणी महाघोटाले की जांच कर सकती है, जिसमें प्रधानमंत्री और उनके मित्र (गौतम) अडाणी के बीच - वित्तीय या चाहे जिस तरह के भी हों - क़रीबी और स्थायी संबंध शामिल हैं.’’

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