चंडीगढ़, 20 मार्च खालिस्तान समर्थक कट्टर उपदेशक अमृतपाल सिंह के चाचा और चालक ने जालंधर में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि सिंह अब भी फरार है। वहीं पंजाब सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस (संदेश) सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक बढ़ा दी है।
खालिस्तान समर्थक कट्टर उपदेशक सिंह की तलाश सोमवार को तीसरे दिन भी जारी है और राज्य की पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया है।
जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) स्वर्णदीप सिंह ने बताया कि अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने कहा, ‘‘ सिंह की तलाश अब भी जारी है।’’
इस बीच, पंजाब सरकार ने मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस (संदेश) सेवाओं पर रोक मंगलवार दोपहर तक बढ़ा दी है।
गृह विभाग तथा न्याय विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए आदेशानुसार, ‘‘यह निर्देश दिया जाता है कि सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं (2जी/3जी/45/5जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली वॉयस कॉल के अलावा सभी डोंगल सेवाएं पंजाब में 20 मार्च (दोपहर 12 बजे से) से 21 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक सार्वजनिक सुरक्षा के हित में, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने, शांति तथा सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए निलंबित कर दी जाएं।’’
राज्य के अधिकारियों ने शनिवार को रविवार दोपहर तक इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इसे सोमवार दोपहर तक बढ़ाया गया था।
पुलिस ने अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि जालंधर जिले में सिंह के काफिले को रोके जाने के बाद वह वहां से भाग निकला था।
पुलिस ने रविवार को राज्य में ‘फ्लैग मार्च’ किया और उसके 34 और समर्थकों को गिरफ्तार किया तथा चार लोगों को हिरासत में लेकर सुदूर असम की एक जेल में स्थानांतरित कर दिया।
अमृतपाल के नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों और राज्य में शांति व सद्भाव को भंग करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ जारी मौजूदा अभियान के तहत राज्य की पुलिस अभी तक 112 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
अमृतपाल के खिलाफ यह कार्रवाई अमृतसर के नजदीक अजनाला थाने की घटना के कुछ हफ्तों बाद की जा रही है। अजनाला थाने को अमृतपाल समर्थकों ने घेर लिया था और पुलिस को यह आश्वासन देने को मजबूर किया था कि उनके एक साथी को रिहा कर दिया जाएगा।
राज्य में ‘हाई अलर्ट’ है। हालांकि पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और उसने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
पुलिस ने रविवार को बताया था कि उसने अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ जालंधर में पुलिस नाका तोड़ने और एक गांव में एक वाहन से हथियार बरामद होने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने भी जिले में सिंह के सात सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद शस्त्र अधिनियम के तहत शनिवार रात एक और प्राथमिकी दर्ज की थी।
पुलिस ने आगाह किया है अफवाह फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि वे विभिन्न देशों, राज्यों और शहरों से फर्जी खबरों और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर नजर रख रहे हैं।
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