Nuh: हिंसा के बाद नूंह में शुक्रवार से खुलेंगे स्कूल, परिवहन सेवाएं पूरी तरह से बहाल होंगी

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद से बंद स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार को खोले जाएंगे. इसके अलावा, हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की बस सेवाएं भी पूरी तरह से बहाल कर दी जाएंगी.

Nuh Violence | Image: PTI

गुरुग्राम, 10 अगस्त: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद से बंद स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार को खोले जाएंगे. इसके अलावा, हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की बस सेवाएं भी पूरी तरह से बहाल कर दी जाएंगी. अधिकारियों ने मुस्लिम मौलवियों से अपने घरों पर जुमे की नमाज अदा करने और लोगों को इसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया. वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक प्रतिनिधि मंडल ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया. Nuh Violence Audio: प्री प्लान थी नूंह हिंसा? वायरल ऑडियो क्लिप से हुआ बड़ा खुलासा.

निकटवर्ती गुरुग्राम जिले में, जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मुफ्ती सलीम कासमी ने लोगों से किसी भी खुले स्थान पर जुमे की नमाज अदा न करने की अपील की और उन्हें मस्जिदों या अपने घरों में इबादत करने के लिए कहा.

नूंह के जिला मजिस्ट्रेट धीरेंद्र खड़गटा ने बृहस्पतिवार को जारी एक आदेश में कहा, ''क्षेत्र में सामान्य स्थिति को देखते हुए 11 अगस्त से सभी शैक्षणिक संस्थान खोलने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह, हरियाणा राज्य परिवहन विभाग की बस सेवाएं भी 11 अगस्त से पूरी तरह से बहाल कर दी जाएंगी.”

बयान में कहा गया है, “शुक्रवार को कर्फ्यू में ढील दी जाएगी. नूंह, तावड़ू, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका व पिनगवा और नगीना ब्लॉक के नगर निगम क्षेत्र में एटीएम कर्फ्यू में ढील के दौरान खुले रहेंगे.”

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ब्रज मंडल यात्रा पर 31 जुलाई को भीड़ के हमला करने के बाद मुस्लिम बहुल नूंह में हुई झड़पों में दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई थी. गुरुग्राम में भी छिटपुट हिंसक घटनाएं दर्ज की गई थीं.

इस बीच, सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए माकपा के नेताओं के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को नूंह और गुरुग्राम का दौरा किया. पार्टी ने कहा कि बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और गोरक्षा के नाम पर काम कर रहे हथियारबंद समूहों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य नीलोत्पल बसु ने किया और इसमें सांसद ए ए रहीम, वी सिवादासन और पार्टी के हरियाणा सचिवालय के सदस्य भी शामिल थे.

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