नयी दिल्ली, 21 अप्रैल: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान जताया है कि सप्ताहांत में पूर्वी भारत में छिटपुट बारिश से लोगों को गंभीर गर्मी की स्थिति से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन उत्तरी और मध्य मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में पूर्वोत्तर में व्यापक वर्षा और पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा के अलग-अलग इलाकों में वर्षा होने की संभावना जतायी है. विभाग ने कहा कि मध्य उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनने और बंगाल की खाड़ी से नमी आने के कारण अधिकतम तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आने की संभावना है. यह भी पढ़ें: Jammu-Kashmir Weather Update: जम्मू-कश्मीर के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को आंशिक रूप से बादल छाए रहने और अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है. हालांकि, शुक्रवार को हल्की बारिश का पूर्वानुमान होने के बावजूद शहर में बारिश नहीं हुई.
स्कूल शिक्षा विभाग ने एक आदेश में कहा कि पश्चिमी भारत में गर्मी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य बोर्ड से संबद्ध सभी विद्यालयों को बंद रखने का आदेश दिया है। अन्य बोर्ड के स्कूल अपने पाठ्यक्रम और गतिविधियों पर विचार करने के बाद कक्षाएं बंद करने पर निर्णय ले सकते हैं.
राज्य में विदर्भ को छोड़कर स्कूल 15 जून को फिर से खुलेंगे। विदर्भ में स्कूल अब 30 जून को खुलेंगे.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ अन्य हिस्से पिछले कुछ दिनों से ‘लू’ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई का अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था, जबकि नवी मुंबई में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
गांगेय पश्चिम बंगाल में पिछले 10 दिनों से ‘लू’ की स्थिति बनी हुई है। बांकुड़ा जैसे जिलों में नदियों का जलस्तर नीचे चला गया है, जहां इस सप्ताह अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बांकुड़ा के बाद बृहस्पतिवार को पानागढ़ वायुसेना स्टेशन का अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
हालांकि आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने से शुक्रवार को राज्य के कुछ हिस्सों में तापमान में गिरावट आई. कोलकाता में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस और पड़ोसी साल्ट लेक में 39.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
चाय बगान के मालिकों का कहना है कि पहाड़ियों में अपेक्षाकृत उच्च तापमान के साथ-साथ लंबे समय तक सूखे के कारण दार्जिलिंग के चाय बागान पहले से ही चल रहे ‘फ्लश मौसम’ में फसल की कमी का सामना कर रहे हैं. प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण, चाय की पत्तियों का मुरझाना और झाड़ियों पर कीटों का हमला भी देखा गया है.
चाय बगानों के लिए ‘फ्लश’ का मौसम का मतलब है जब पौधों से चार की पत्तियां तोड़ी जाती हैं. दार्जिलिंग में चार ‘फ्लश सीजन’ होते हें, पहला फरवरी से अंत से अप्रैल तक, दूसरा अप्रैल से लेकर मई और जून तक, मानसून फ्लश जुलाई से अक्टूबर की शुरूआत तक और तीसरा अक्टूबर की शुरुआत से नवंबर तक। सीजन के हिसाब से चाय की पत्तियों का स्वाद और गुणवत्ता तय होती है.
‘दार्जिलिंग टी एसोसिएशन’ के प्रधान सलाहकार संदीप मुखर्जी ने कहा, “प्रतिकूल मौसमी परिस्थतियों के कारण मिट्टी की नमी कम हो रही है. हमने देखा है कि इस मौसम में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा, जो अभूतपूर्व है. इस मौसम में अभी तक ‘फर्स्ट फ्लश प्रोडक्शन’ में 20-25 प्रतिशत की कमी आई है.”
‘इंडियन टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अंशुमन कनोरिया ने कहा कि मार्च के अंत में हुई बारिश ने कुछ राहत दी थी, लेकिन इसके बाद अप्रैल में मौसम बहुत गर्म और शुष्क रहा है. अंशुमन कनोरिया दार्जिलिंग में गोमटी टी एस्टेट के भी मालिक हैं. मौसम विभाग ने कहा कि 22 से 25 अप्रैल के बीच पश्चिम बंगाल में एक या दो स्थानों पर बिजली कड़कने और तेज हवा चलने की संभावना है.
बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि गया का तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
झारखंड में, सबसे ज्यादा तापमान डालटनगंज में 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जमशेदपुर में अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया, “झारखंड में 25 अप्रैल तक भीषण गर्मी से राहत मिलने की संभावना है। 26 अप्रैल से पारा फिर चढ़ेगा और राज्य के कई हिस्सों में ‘लू’ की स्थिति बन सकती है.”
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