नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में गिरावट आई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
पिछले साल दुर्गा पूजा/दशहरा के साथ-साथ दिवाली भी अक्टूबर में थी। इस साल अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में खपत बढ़ने का अनुमान है।
सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों ईंधन खुदरा विक्रेताओं की पेट्रोल की बिक्री में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत की गिरावट आई। दो महीने में पहली बार पेट्रोल की बिक्री गिरी है। वहीं डीजल की मांग भी 3.2 प्रतिशत घट गई।
अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 12.9 लाख टन से घटकर 11.7 लाख टन रह गई। मासिक आधार पर बिक्री में नौ प्रतिशत की गिरावट आई।
देश में सबसे अधिक इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत एक से 15 अक्टूबर के बीच 29.9 लाख टन रह गई है। अक्टूबर, 2022 के पहले पखवाड़े में यह 30.9 लाख टन थी। मासिक आधार पर इसमें 9.6 प्रतिशत की गिरावट आई। सितंबर के पहले पखवाड़े में यह 27.3 लाख टन थी।
डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है क्योंकि बारिश के कारण कृषि क्षेत्र की मांग घट जाती है।
अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी। इसकी वजह यह है कि उस समय खेती के लिए डीजल की मांग में उछाल आया था। इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए वाहनों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था। हालांकि, मानसून के आगमन के बाद जून के दूसरे पखवाड़े से डीजल की मांग घटने लगी थी।
आपूर्तिकर्ता समूह ओपेक का मानना है कि तेज आर्थिक वृद्धि के कारण भारत की कच्चे तेल मांग में औसतन 2,20,000 बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी होगी।
अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत कोविड महामारी से प्रभावित अवधि यानी 1-15 अक्टूबर, 2021 की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक रही है। वहीं महामारी-पूर्व की अवधि यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 21.7 प्रतिशत अधिक रही है।
डीजल की खपत एक से 15 अक्टूबर, 2021 की तुलना में 23.4 प्रतिशत और 1-15 अक्टूबर, 2019 की तुलना में 23.1 प्रतिशत अधिक रही है।
हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे विमान ईंधन यानी एटीएफ की मांग अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़कर 2,92,500 टन पर पहुंच गई है।
अक्टूबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 36.5 प्रतिशत अधिक रही है। कोविड-पूर्व की अवधि यानी अक्टूबर, 2019 की तुलना में यह 6.6 प्रतिशत कम रही है।
एक से 15 सितंबर, 2023 की तुलना में जेट ईंधन की बिक्री में दो प्रतिशत की गिरावट आई है। उस समय यह 3,00,900 टन रही थी।
रसोई गैस या एलपीजी की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में सालाना आधार पर 1.2 प्रतिशत बढ़कर 12.5 लाख टन पर पहुंच गई। अक्टूबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 10.6 प्रतिशत तथा कोविड-पूर्व की अक्टूबर, 2019 की समान अवधि की तुलना में यह 153 प्रतिशत अधिक है।
मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 7.5 प्रतिशत बढ़ी है। सितंबर के पहले पखवाड़े में एलपीजी की बिक्री 13.6 लाख टन रही थी।
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