मुंबई, पांच जनवरी अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को 37 पैसे की मजबूती के साथ 82.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इस तेजी का कारण विदेशों में डॉलर का कमजोर होना है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि एशियाई मुद्राओं के मजबूत होने और कच्चे तेल की कीमतों के 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आने से रुपये को समर्थन मिला।
हालांकि, विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी तथा घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख के कारण निवेशकों की कारोबारी धारणा कुछ हद तक प्रभावित हुई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.75 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में 37 पैसे की तेजी के साथ 82.45 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.50 प्रति डॉलर के उच्चस्तर और 82.80 के निचले स्तर को छुआ।
बुधवार को रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर से उबरता हुआ 82.82 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत घटकर 104.18 रह गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर और मजबूत क्षेत्रीय मुद्राओं के समर्थन से भारतीय रुपये में लगातार दूसरे दिन तेजी आई। हालांकि, विदेशी कोषों की निकासी से इसका लाभ सीमित रहा।’’
उन्होंने कहा कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की दिसंबर की बैठक के ब्योरे से विदेशी मुद्रा बाजार की धारणा खास प्रभावित नहीं हुई क्योंकि इनसे कुछ भी नई बात सामने नहीं आई।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 2.62 प्रतिशत बढ़कर 79.88 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 304.18 अंक की गिरावट के साथ 60,353.27 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बृहस्पतिवार को 1,449.45 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)