मुंबई, 29 मई स्थानीय शेयर बाजार में कमजोरी के रुख, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तथा विदेशी कोषों की निकासी के बीच बुधवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 22 पैसे की गिरावट के साथ 83.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि आयातकों और पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की डॉलर मांग के कारण भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई।
हालांकि, भारत के सरकारी बॉन्ड को वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में शामिल किए जाने से पहले बॉन्ड बाजारों में विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने के कारण गिरावट कम रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.22 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के अंत में यह 83.40 प्रति डॉलर पर बंद हुआ जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 22 पैसे की गिरावट है।
रुपया मंगलवार को आरंभिक लाभ गंवाता हुआ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट के साथ 83.18 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि महीने के अंत में ओएमसी और आयातकों की ओर से अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए डॉलर की मांग के कारण रुपया थोड़ा नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने की प्रवृत्ति और मजबूत अमेरिकी डॉलर रुपये पर और दबाव डाल सकता हैं।’’
हालांकि, एफपीआई और बॉन्ड बाजार में ताजा विदेशी निवेश से रुपये को निचले स्तरों पर समर्थन मिल सकता है।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती को परखने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 105.01 पर रहा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.78 प्रतिशत की बढ़त के साथ 84.88 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 667.55 अंक गिरकर 74,502.90 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 5,814.84 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
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