जरुरी जानकारी | डॉलर के मुकाबले रुपया अपने निचले स्तर के करीब 84.85 पर बंद

मुंबई, 10 दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नेतृत्व में बदलाव से मौद्रिक नीति में नरमी की उम्मीदें बढ़ने से मंगलवार को रुपये को थोड़ा समर्थन मिला और वह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पैसे के सुधार के साथ 84.85 के भाव(अस्थायी) पर बंद हुआ।

यह रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर के लगभग करीब है। हालांकि, कारोबार के दौरान रुपये ने 84.86 के अपने निचले स्तर को छू लिया था।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि आरबीआई के गवर्नर पद पर राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा की नियुक्ति होने के बाद बाजार को अब फरवरी में आगामी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।

हालांकि, घरेलू बाजारों में कमजोरी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में उछाल ने रुपये पर दबाव डालने का काम किया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.80 पर खुला और दिन में कारोबार के दौरान यह 84.86 के अपने निम्नतम स्तर पर पहुंचा। सत्र के अंत में रुपया 84.85 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से सिर्फ एक पैसे की बढ़त है।

सोमवार को रुपये में एक महीने से अधिक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई थी। यह 20 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 84.86 के अब तक के सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था।

मिराए असेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती और कच्चे तेल की कीमतों में अचानक बढ़ोतरी के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा। हालांकि, विदेशी निवेशकों की हालिया खरीदारी से रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।’’

चौधरी ने कहा कि गिरावट के बीच रुपये को आरबीआई के किसी भी हस्तक्षेप से समर्थन मिल सकता है। उन्होंने कहा कि बुधवार को आने वाले अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों से पहले निवेशक सतर्क रह सकते हैं।

दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत बढ़कर 106.28 पर कारोबार कर रहा था।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.36 प्रतिशत गिरकर 71.88 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।

घरेलू शेयर बाजार उतार-चढ़ाव के बीच लगभग स्थिर बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 1.59 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 81,510.05 अंक पर और एनएसई निफ्टी 8.95 अंक गिरकर 24,610.05 अंक पर आ गया।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजारों में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 724.27 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

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