जरुरी जानकारी | डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे टूटकर पहली बार 78 के पार

मुंबई, 13 जून डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट आयी। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 11 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 78.04 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ। वैश्विक बाजार में नरमी तथा विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

अमेरिकी उपभोक्ता मुद्रास्फीति मई में चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में वृद्धि की आशंका से निवेशक सुरक्षित-निवेश को तरजीह दे रहे हैं, जिससे डॉलर में तेजी आयी।

बाजार सूत्रों ने कहा कि एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने तथा विदेशी पूंजी की बाजार से सतत निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला। दिन के कारोबार में यह 78.02 के उच्च स्तर और नीचे में 78.29 तक गया। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 77.93 रुपये के मुकाबले 11 पैसे की गिरावट के साथ 78.04 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो अबतक का रिकॉर्ड सबसे निचला स्तर है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘अन्य मुद्राओं में गिरावट के साथ भारतीय रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। शुक्रवार अमेरिका में मुद्रास्फीति रिकार्ड चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ बुधवार को फेडरल रिजर्व द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दर वृद्धि की अटकल है। इसके साथ अमेरिकी ट्रेजरी आय के बढ़ने से डॉलर और मजबूत हुआ।’’

परमार ने आगे कहा कि शुक्रवार के अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के आने के बाद, मुद्रा बाजार उम्मीद कर रहा है कि फेडरल रिजर्व आक्रमक तरीके से नीतिगत दर बढ़ाएगा।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,456.74 अंक की गिरावट के साथ 52,846.70 अंक पर बंद हुआ।

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.55 प्रतिशत बढ़कर 104.71 हो गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का दाम 1.58 प्रतिशत घटकर 120.08 डॉलर प्रति बैरल रह गया।

शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने सोमवार को शुद्ध रूप से 4,164.01 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

रुपये की गिरावट पर केन्द्रीय बैंक के हस्तक्षेप के बाद कुछ अंकुश लगा।

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