नयी दिल्ली, 30 जुलाई पेगासस जासूसी मामले एवं तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों पर लोकसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध शुक्रवार को भी बना रहा। कांग्रेस ने पेगासस जासूसी मामले पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की जबकि सरकार ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।
आज सबुह कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने इन मुद्दों पर निचले सदन में भारी हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच ही आधे घंटे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही को चलाया। विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही को 11 बजकर करीब 30 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया।
प्रश्नकाल के दौरान शोर-शराबे के बीच ही महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने अपने-अपने मंत्रालयों से जुड़े पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिये।
कार्यवाही शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम पहले दिन से ही पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही किसानों से जुड़ा विषय और कोविड संबंधी मुद्दा भी है।
चौधरी ने कहा कि लेकिन सरकार इस पर चर्चा नहीं करा रही है।
इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विस्तृत बयान दिया है। लेकिन ये (विपक्ष) बहाना बनाकर पिछले 8 दिनों से सदन चलने नहीं दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति में जनता से जुड़े जो मुद्दे तय हुए हैं, उन पर हम काम करना चाहते हैं। सरकार नहीं चाहती कि कोई विधेयक बिना चर्चा के पारित हो।
पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा की विपक्ष की मांग को लेकर जोशी ने कहा, ‘‘ यह कोई मुद्दा नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल सदस्यों का अधिकार होता है, इसमें बाधा नहीं आनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि आप (लोकसभा अध्यक्ष) जिस तरह से काम करने को कहेंगे, हम इसके लिये तैयार हैं।
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे और नारेबाजी के बीच करीब आधे घंटे तक प्रश्नकाल चलाया। विपक्षी सदस्यों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने एवं पेगासस मुद्दे की जांच कराने संबंधी मांगें लिखी हुई थीं।
गौरतलब है कि विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले और केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर मौजूदा सत्र के पहले दिन से सदन में नारेबाजी कर रहे हैं। इस कारण से सदन में अब तक कामकाज बाधित रहा है और कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। सरकार ने शोर-शराबे के बीच ही कुछ विधेयक पारित कराये हैं।
दीपक वैभव
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