देश की खबरें | 'बाबाओं' को लेकर कांग्रेस विधायक की टिप्पणी पर विधानसभा में हंगामा

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जयपुर, 25 सितंबर 'बाबाओं' को लेकर कांग्रेस विधायक की एक टिप्पणी पर बृहस्पतिवार को विधानसभा में खूब हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 'आपत्तिजनक शब्दों' को कार्यवाही से हटाने का निर्देश देते हुए विधायक को भविष्य में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करने को आगाह किया। हालांकि उनकी व्यवस्था के बावजूद भाजपा व कांग्रेस के विधायकों में तीखी नोकझोंक हुई।

सत्तापक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बुधवार को सदन में पशुपालन व अन्य विभागों की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान सूरजगढ़ से विधायक श्रवण कुमार का बयान देश के सन्यासी वर्ग के लिए बहुत अपमानजनक है।

उन्होंने कहा, “मैं इस पर आपत्ति दर्ज कराता हूं, इसकी निंदा करता हूं और आसन से गुजारिश करता हूं सदस्य से माफी मंगवाएं व इसे कार्यवाही से हटाएं।”

इस पर दोनों ओर के विधायक बोलने लगे। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा, “सदन कई बार उत्तेजनावश कई तरह की बाते होती हैं। यह इतना गंभीर विषय नहीं है। अध्यक्ष के संज्ञान में मामला आ गया। आपको लगता है कि यह असंसदीय व अमर्यादित है तो पहले भी इस तरह के शब्दों को कार्यवाही से हटाया गया है।”

इस पर अलवर से भाजपा विधायक बाबा बालकनाथ ने कहा, “इन्होंने पूरे संत समाज को अपमानित किया है।”

उन्‍होंने भी कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार से माफी मांगने को कहा।

बालकनाथ व श्रवण कुमार में नोक झोंक हुई व शोर शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि ऐसे शब्द नहीं बोले जाने चाहिए।

कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक व बालकनाथ में भी नोकझोंक हुई।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, “यह मुद्दा गंभीर है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। संतों और बाबाओं के संबंध में विधानसभा में ऐसी गलत, अमर्यादित टिप्पणी करना कभी शोभा नहीं देता।”

उन्होंने कहा कि सदस्य को हृदय से माफी मांगनी चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक द्वारा की गई टिप्पणी को पढ़ा और व्यवस्था देते हुए कहा कि इन शब्दों को कार्यवाही से हटाया जाए। उन्होंने कहा, “ माननीय सदस्य को चेतावनी देता हूं कि भविष्य में इस तरह के शब्दों का उपयोग न करें। कोई भी सदस्य साधु संतों व जो श्रद्धा के केंद्र हैं उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी न करे, नहीं तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।”

इस पर जोगेश्वर गर्ग ने कहा, “जब तक सदस्य माफी नहीं मांगेंगे हम इस बात को समाप्त नहीं करने वाले।”

इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। हंगामे और शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। हालांकि बाद में सदन बैठा और विधायी कार्य सुचारू रूप से हुए।

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