नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक वैज्ञानिक (Scientist) को इस महीने की शुरुआत में यहां रोहिणी जिला अदालत (Rohini District Court) में अपने पड़ोसी को मारने के इरादे से एक टिफिन में आईईडी (IED) रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस (Police) ने शनिवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि नौ दिसंबर को अदालत कक्ष संख्या 102 के भीतर हुए विस्फोट में एक व्यक्ति घायल हो गया था. Rohini Court Explosion: दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में धमाका, कई लोग घायल, NSG की टीम मौके पर पहुंची
पुलिस ने बताया कि आरोपी भारत भूषण कटारिया (47) को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि डीआरडीओ में वरिष्ठ वैज्ञानिक कटारिया घटना वाले दिन दो बैग के साथ सुबह नौ बजकर 33 मिनट पर अदालत में घुसा और एक बैग उसने अदालत कक्ष संख्या 102 में ही छोड़ दिया. इसके बाद वह 10 बजकर 35 मिनट पर अदालत परिसर से बाहर निकल गया.
अब तक की जांच में पाया गया है कि भारत भूषण की एक लंबी कानूनी लड़ाई चल रही है और जिस वकील के साथ इनकी क़ानूनी लड़ाई चल रही है उन्हें इस विस्फोटक से निशाना बनाया जाना था।वो वकील जहां बैठते हैं वहीं पर इस बैग को रखा गया था: दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना https://t.co/SrIflfQo55
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2021
पुलिस ने बताया कि कटारिया ने अदालत कक्ष में एक टिफिन के भीतर विस्फोटक रखा था, क्योंकि वह अपने पड़ोसी को मारना चाहता था, जो एक वकील है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई मामले दर्ज करा रखे हैं. वे पड़ोसी हैं और एक ही इमारत में रहते हैं. प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि कटारिया को वकील से रंजिश थी.’’
पुलिस ने बताया कि वकील इमारत की भूतल पर रहता है जबकि आरोपी तीसरी मंजिल पर रहता है. कटारिया ने वकील के खिलाफ पांच दीवानी मामले दायर किए थे, जबकि वकील ने आरोपी के खिलाफ सात मामले दायर कर रखे हैं.
विस्फोट के बाद फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के दलों ने मौके का मुआयना किया था और यह पाया था कि आईईडी बनाने में इस्तेमाल सामान बाजार में आसानी से उपलब्ध है.
पुलिस ने बताया कि आईईडी सही तरीके से जोड़ा नहीं गया था, जिससे केवल डेटोनेटर में ही विस्फोट हुआ था. उन्होंने बताया कि जांच अधिकारियों ने घटना वाले दिन अदालत परिसर में प्रवेश करने वाली करीब 100 कारों की जांच की और अदालत से ली गयी सीसीटीवी फुटेज खंगाली.
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