पटना, दो जनवरी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर सोमवार को विवाद खड़ा कर दिया।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में नीतीश कुमार की तुलना ‘‘शिखंडी’’ (महाभारत में एक किन्नर चरित्र) से करते हुए कहा, ‘‘एक बार उनके (नीतीश) पद से हटने पर उन्हें याद नहीं रखेंगे। नीतीश ने राज्य के लिए कुछ भी बड़ा नहीं किया है... पूर्व मुख्यमंत्री. दिवंगत श्री कृष्ण सिन्हा और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोग हैं, जिन्हें बिहार के लोग राज्य बनाने में उनके योगदान के लिए हमेशा याद रखेंगे। हमारे नेता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जी का भी यही हाल है, जिन्होंने प्रदेश के लिए बहुत कुछ किया है। लेकिन नीतीश कुमार का नाम इतिहास में नहीं होगा। वह बिल्कुल याद नहीं रहेगा। वह ‘‘शिखंडी’’ की तरह हैं? जिसकी अपनी कोई हैसियत नहीं है।’’
राजद विधायक सुधाकर ने कहा कि नीतीश कुमार को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए और उन्हें तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद की पेशकश करनी चाहिए।
विधायकों की संख्या बल पर राज्य की मौजूदा सबसे बड़ी पार्टी राजद ने पिछले साल अगस्त महीने में बिहार में हुए राजनीतिक उथल-पुथल के बाद नीतीश के साथ गठबंधन कर राज्य में नई सरकार बनायी है।
यह पहली बार नहीं है कि सुधाकर ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले भी अक्टूबर, 2022 की शुरुआत में अपने विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर टिप्पणी करने के बाद उन्हें राज्य के कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
हालांकि सुधाकर की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के विरुद्ध राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सुधाकर जी का बयान घोर निंदनीय है। ऐसा बयान महागठबंधन की एकता के लिए अत्यंत घातक है। गठबंधन में राजद सबसे बड़ी पार्टी है अतः गठबंधन को चलाने की सबसे अहम जवाबदेही उसके कंधों पर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि सुधाकर जी ने जान-बूझकर गठबंधन को तोड़ने के मकसद से इस तरह का बयान दिया है। यह सबको मालूम है सुधाकर इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रूप में अपने क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। यही नहीं भाजपा के नेतृत्व के साथ भी इनका घनिष्ट संबंध रहा है। एक आरोप में जब सुधाकर भभुआ जेल में बंद थे तो स्वयं उन्होंने ही बताया है कि सुशील मोदी उनसे वहां मिलने के लिए गए थे।’’
तिवारी ने कहा, ‘‘संयोग है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (लालू प्रसाद) बाहर हैं। दिल्ली में हुए पार्टी के सम्मेलन में एक प्रस्ताव के जरिए पार्टी के संवैधानिक मामले में फैसला लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी जी को ही अधिकृत किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थिति में दोनों की अनुपस्थिति में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष (जगदानंद सिंह) ही ऐसे अहम मामले में आधिकारिक रूप से कोई बात बोल सकते हैं। एक विधायक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने में प्रदेश अध्यक्ष को संवैधानिक अधिकार न भी हो तो भी अपनी अनुशंसा दोनों अधिकृत नेताओं को वे भेज कर मामले की गंभीरता को सहज बना सकते हैं। व्यक्तिगत रूप से जगता भाई से मैं अनुरोध करूँगा संकट को टालने के लिए उन्हें कदम उठाना चाहिए।’’
वहीं, जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर की टिप्पणी से संबंधित एक वीडियो को ट्विटर पर साझा करते हुए उपमुख्यमंत्री से कहा है, ‘‘तेजस्वी यादव जी, जरा गौर से देखिए-सुनिए अपने एक माननीय विधायक के बयान को और उन्हें बताईए कि राजनीति में ई मर्यादा की बड़ी अहमियत होती है। वे उस शख्सियत को ‘‘शिखंडी’’ कह रहें हैं जिन्होंने बिहार को उस खौफनाक मंजर से मुक्ति दिलाने की ‘‘मर्दानगी’’ दिखाई थी, वह भी तब जब उसके खिलाफ कुछ भी बोलने के पहले लोग दाएं-बाएं झांक लेते थे।’’
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