देश की खबरें | ग्रैप-चार के तहत लागू प्रतिबंधों में न्यायालय की अनुमति के बिना ढील न दी जाए: उच्चतम न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने ग्रैप-चार के तहत उठाए जाने वाले प्रदूषण रोधी कदमों के क्रियान्वयन में देरी को लेकर दिल्ली सरकार से सोमवार को सवाल किया और कहा कि निवारक कदमों में कटौती करने के लिए न्यायालय की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
नयी दिल्ली, 18 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने ग्रैप-चार के तहत उठाए जाने वाले प्रदूषण रोधी कदमों के क्रियान्वयन में देरी को लेकर दिल्ली सरकार से सोमवार को सवाल किया और कहा कि निवारक कदमों में कटौती करने के लिए न्यायालय की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के बाद भी चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के चौथे चरण के तहत उठाए जाने वाले निवारक उपायों के क्रियान्वयन में देरी हुई है।
दिल्ली सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ से कहा कि ग्रैप का चौथा चरण सोमवार से लागू कर दिया गया है और भारी वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पीठ ने वकील से कहा, ‘‘जैसे ही एक्यूआई 300 से 400 के बीच पहुंचता है, तो चौथा चरण लागू करना पड़ता है। आप ग्रैप के चौथे चरण को लागू करने में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं।’’
उसने राज्य सरकार से कहा कि अदालत जानना चाहती है कि उसने प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से नीचे चला जाता है, तब भी हम चौथे चरण के तहत उठाए जाने वाले निवारक उपायों में ढील नहीं आने देंगे। चौथा चरण तब तक लागू रहेगा, जब तक न्यायालय इसमें ढील की अनुमति नहीं देता।’’
पीठ ने कहा कि वह दिन के कामकाज के अंत में मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगी।
केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने ग्रैप के चौथे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों की रविवार को घोषणा की, जो सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो गए।
ग्रैप के चौथे चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं पर अस्थायी रोक शामिल है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह आदेश तब जारी किया, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में एक्यूआई शाम चार बजे 441 दर्ज किया गया, जो प्रतिकूल मौसम के कारण शाम सात बजे तक बढ़कर 457 हो गया।
आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आदेश के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे।
आदेश के मुताबिक, राजमार्ग, सड़क, पुल और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी।
न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों को लागू करने का अनुरोध करने वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर 14 नवंबर को सहमति व्यक्त की थी।
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