“लाउडस्पीकर के जरिए धार्मिक गतिविधि पर रोक लॉकडाउन के दिशानिर्देशों के तहत”
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प्रयागराज, चार मई गाजीपुर में अजान के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक हटाने की मांग वाली एक जनहित याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि किसी भी धार्मिक समूह द्वारा लाउडस्पीकर के जरिए धार्मिक गतिविधि पर रोक, लॉकडाउन के दिशानिर्देशों के तहत लगाई गई है।

गाजीपुर से बसपा सांसद अफजल अंसारी द्वारा दाखिल इस याचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि जहां कहीं भी कोरोना वायरस के संभावित खतरे की पहचान होती है, संबंधित क्षेत्र को नियंत्रण वाला क्षेत्र घोषित कर दिया जाता है क्योंकि जनता का स्वास्थ्य इस सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

जवाबी हलफनामा में बताया गया है कि गाजीपुर जिले को हॉटस्पॉट (संक्रमण से ज्यादा प्रभावित क्षेत्र) क्षेत्र घोषित किया गया है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 24 मार्च को जारी दिशानिर्देशों के संदर्भ में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। चूंकि अजान लाउडस्पीकर पर नमाज के लिए एक आह्वान है, इसलिए गाजीपुर में इस पर पाबंदी लगाई गई है।

इस जवाबी हलफनामे को रिकॉर्ड में लेते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पांच मई, 2020 करना निर्धारित किया।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अपर महाधिवक्ता के मुताबिक, सरकार द्वारा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जब लॉकडाउन की घोषणा की गई, किसी भी धार्मिक समूह द्वारा सभी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर 24 मार्च, 2020 को प्रतिबंध लगा दिया गया।

गोयल ने इस हलफनामे में कई ऐसे उदाहरण गिनाए जिनमें अजान के बाद लोग गाजीपुर में मस्जिदों में इकट्ठा हुए जिसके बाद प्रशासन को स्थिति नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

इससे पूर्व, याचिकाकर्ता की ओर से उनके वकील ने अदालत से अजान की अनुमति दिए जाने का यह कहते हुए अनुरोध किया कि इससे लॉकडाउन की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं होता।

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