रिजर्व बैंक ने राज्यों के लिये 67 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त ऋण सुविधा की व्यवस्था की
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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के मद्देनजर राज्यों की मदद करने के लिये अल्पकालिक अर्थोपाय के जरिये 67 हजार करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध कराने की शुक्रवार को घोषणा की।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया पर शुक्रवार को राहत उपायों की दूसरी फेहरिस्त की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों के लिये अल्पकालिक अर्थोपाय (वेज एंड मीन्स एडवांसेज) की सीमा 31 मार्च के यानी पिछले वित्त वर्ष की स्तर से 60 प्रतिशत बढ़ा दी गयी है। यह बढ़ी सीमा 30 अप्रैल 2020 तक के लिये उपलब्ध रहेगी।’’

अल्पकालिक अर्थोपाय की सीमा पिछले वित्त वर्ष के स्तर से 60 प्रतिशत बढ़ाने से राज्यों को रिजर्व बैंक से मिलने वाली सस्ती ऋण सुविधा के तहत अब अतिरिक्त 67,028 करोड़ रुपये उपलब्ध होंगे। इससे राज्यों को बाजार से महंगी दरों पर कर्ज उठाने से बचाव मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि कई राज्य लगातार शिकायत कर रहे थे कि उन्हें बाजार से ऋण उठाने में काफी ब्याज देना पड़ रहा है। राज्य इस कारण रिजर्व बैंक से ऋण सुविधा की मांग कर रहे थे।

इससे पहले रिजर्व बैंक ने सात अप्रैल को राज्यों को ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में ढील देने की घोषणा की थी। इसके तहत राज्यों के लिये ओवरड्राफ्ट की सुविधा लेने का समय सात दिन से बढ़ाकर 21 दिन कर दिया गया था।

इसके बाद वित्त मंत्रालय ने आठ अप्रैल को राज्यों को खुले बाजार से 3.20 लाख करोड़ रुपये तक का उधार जुटाने की छूट भी दी थी।

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