देश की खबरें | गणतंत्र दिवस झांकी विवाद: राजनाथ ने ममता को बंगाल की झांकी न होने की वजह बताई
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार किए जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सूचित किया कि इस अवसर के लिए केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने से संबंधित है।
कोलकाता, 18 जनवरी गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी को अस्वीकार किए जाने को लेकर बढ़ते विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर सूचित किया कि इस अवसर के लिए केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने से संबंधित है।
सिंह ने अपने पत्र में संकेत दिया कि क्योंकि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में पहले से ही बोस को दिखाया गया है इसलिए पश्चिम बंगाल की झांकी को परेड के लिए शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिए जाने वाले महत्व की भी उन्हें (ममता को) याद दिलाई।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने 1943 में निर्वासन में बनी नेताजी की सरकार की 75वीं वर्षगांठ 2018 में बड़ी धूमधाम से मनाई थी। यह हमारी सरकार थी जिसने गणतंत्र दिवस परेड में आजाद हिंद फौज के जीवित सैनिकों को शामिल किया और उनका अभिनंदन किया।”
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में, बनर्जी ने बोस और उनकी आजाद हिंद फौज पर आधारित राज्य की झांकी को अस्वीकार करने पर “आश्चर्य” व्यक्त किया था। झांकी में रवींद्रनाथ टैगोर, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, स्वामी विवेकानंद और श्री अरबिंदो जैसे अन्य बंगाली प्रतीक भी शामिल थे।
बनर्जी ने प्रधानमंत्री से फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसा नहीं करने से पश्चिम बंगाल के लोगों को “दुख” होगा। उन्होंने कहा था कि झांकी को खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया।
बोस की बेटी अनीता बोस-फाफ ने सोमवार को कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी की विरासत का राजनीतिक वजहों के लिए अक्सर "आंशिक रूप से दोहन" किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोलकाता में 2021 में नेताजी के 125वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत कहीं न कहीं पश्चिम बंगाल के चुनावों से जुड़ी हुयी थी।
उन्होंने ‘पीटीआई-’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “…पिछले साल, जयंती वर्ष का उद्घाटन कोलकाता में सभी जगहों पर बड़े पैमाने पर किया गया, (इसका) बंगाल में चुनाव और चुनावी संभावनाओं से कुछ लेना-देना था। तथ्य यह है कि इस साल कुछ भी नहीं हुआ .... निश्चित रूप से यह मुद्दा उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना पिछले साल था।”
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