देश की खबरें | गणतंत्र दिवस 2025: झांकियों का विषय ‘स्वर्णिम भारत, 15 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों का चयन

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. आगामी गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों के प्रदर्शन का विषय 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है तथा 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर झांकियां प्रस्तुत करने के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन किया गया है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दी।

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर आगामी गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों के प्रदर्शन का विषय 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' है तथा 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर झांकियां प्रस्तुत करने के लिए 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन किया गया है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दी।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ये राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं - आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इसके अलावा, 2025 के गणतंत्र दिवस समारोह के लिए केंद्र सरकार के 11 मंत्रालयों और विभागों का भी चयन किया गया है।

बयान में कहा गया है, ‘‘हर साल राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और केंद्र सरकार के मंत्रालय/विभाग गणतंत्र दिवस समारोह (आरडीसी) के हिस्से के रूप में कर्तव्य पथ पर अपनी झांकियां प्रदर्शित करते हैं। आरडीसी-2025 के लिए झांकियों का विषय 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' तय किया गया है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को, चाहे उनका चयन कर्तव्य पथ के लिए हो या ना हो, लाल किले में भारत पर्व (26-31 जनवरी) के दौरान अपनी झांकी प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।’’

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि झांकी गणतंत्र दिवस परेड के महत्वपूर्ण घटकों में से एक होती हैं। बयान में कहा गया है कि परेड की कुल अवधि में झांकियों के लिए आवंटित समय के कारण, "विशेषज्ञ समिति द्वारा झांकियों का चयन किया जाता है।’’

बयान में कहा गया है, ‘‘विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों द्वारा प्रस्तुत झांकी के विचारों का मूल्यांकन करते समय, वैचारिक विशिष्टता एवं नवीनता, स्पष्ट, संप्रेषणीय संदेश के साथ रचनात्मक अभिव्यक्ति, सूक्ष्मता के साथ-साथ प्रत्यक्षता का संयोजन, प्रत्येक झांकी में विरासत तथा विकास के बीच संतुलन, दोहराव वाले विचारों का बहिष्कार, रंग, रूप, बनावट, प्रवाह, लय, अनुपात व संतुलन जैसे विवरणों पर विशेष ध्यान, भव्य पैमाने का एक सुव्यवस्थित सौंदर्य अनुभव सुनिश्चित करना जैसे प्रमुख पहलुओं को चयन के लिए ध्यान में रखा गया।’’

बयान में कहा गया है कि वर्ष की शुरुआत से ही रक्षा मंत्रालय द्वारा झांकी से संबंधित विभिन्न गतिविधियों पर निर्णय लेने के लिए ‘‘परामर्श प्रक्रिया’’ अपनाई गई है।

बयान में कहा गया है, ‘‘झांकी की गुणवत्ता में सुधार पर विचार-विमर्श के लिए अप्रैल 2024 में वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर एक बैठक आयोजित की गई थी। इसके माध्यम से प्राप्त विभिन्न सुझावों को प्रक्रिया में शामिल किया गया है। झांकी के लिए विषय-वस्तु भी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त सुझावों के आधार पर तय की गई थी।’’

मंत्रालय ने बयान में कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने हेतु झांकियों के चयन के उद्देश्य से एक सुस्थापित प्रणाली मौजूद है, जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से झांकियों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करता है।

बयान में कहा गया है, ‘‘विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से प्राप्त झांकियों के प्रस्तावों का मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति की बैठकों की एक श्रृंखला में किया जाता है, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, नृत्यकला आदि क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं।’’

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘संपूर्ण चयन प्रक्रिया सशक्त, निष्पक्ष, पारदर्शी, योग्यता पर आधारित और किसी भी पूर्वाग्रह से मुक्त है। चयनित झांकियां भारत की विविध शक्तियों और इसकी निरंतर विकसित होती सांस्कृतिक समावेशिता को प्रदर्शित करेंगी, जो गौरवशाली भविष्य की ओर अग्रसर है, तथा विश्व दर्शकों के सामने 'स्वर्णिम भारत - विरासत और विकास' को प्रदर्शित करेंगी।’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\