जरुरी जानकारी | सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री से जनता को राहत, प्रमुख शहरों में कीमतें गिरीं
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पांच सितंबर को शुरू की गई सरकार की सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री की पहल से कुछ ही दिनों में प्रमुख शहरों में कीमतों में गिरावट आई है।
नयी दिल्ली, 14 सितंबर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पांच सितंबर को शुरू की गई सरकार की सब्सिडी वाले प्याज की बिक्री की पहल से कुछ ही दिनों में प्रमुख शहरों में कीमतों में गिरावट आई है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 60 रुपये से घटकर 55 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि मुंबई में 61 रुपये से घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। चेन्नई में खुदरा कीमत 65 रुपये से घटकर 58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
सरकार ने मोबाइल वैन और एनसीसीएफ और नैफेड के आउटलेट के जरिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दर पर प्याज की बिक्री शुरू की है।
दिल्ली और मुंबई में शुरू हुआ यह कार्यक्रम अब चेन्नई, कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुवाहाटी सहित अन्य प्रमुख शहरों में भी फैल चुका है।
बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने सब्सिडी वाले प्याज की मात्रा बढ़ाने और वितरण चैनलों का विस्तार करके ई-कॉमर्स मंच, केंद्रीय भंडार आउटलेट और मदर डेयरी के सफल स्टोर को शामिल करने का फैसला किया है।
सरकार ने प्रमुख शहरों में प्याज़ का थोक निपटान भी शुरू कर दिया है। यह दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पहले ही शुरू हो चुका है, और हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता और अंततः सभी राज्यों की राजधानियों तक इसे विस्तारित करने की योजना है।
रसद आपूर्ति में सुधार और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सड़क और रेल नेटवर्क दोनों को शामिल करते हुए एक दोहरी परिवहन रणनीति लागू की जा रही है।
उपभोक्ता मामले विभाग मांग और मूल्य प्रवृत्तियों के आधार पर लक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि 4.7 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक और पिछले वर्ष की तुलना में खरीफ बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के साथ "सरकार को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।"
इसमें कहा गया है कि उन्नत खुदरा और थोक बिक्री रणनीतियों के संयोजन से कीमतों में स्थिरता आएगी और किफायती प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
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