नयी दिल्ली, छह अगस्त रियल एस्टेट उद्योग ने रिजर्व बैंक द्वारा मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखने का स्वागत करते हुए कहा है कि निचली ब्याज दरों से विशेष रूप से आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घर खरीदारों की मांग बढ़ेगी। हालांकि, इसके साथ ही बिल्डरों ने कहा है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में तरलता का प्रवाह बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक फरवरी, 2019 से रेपो दरों में 2.5 प्रतिशत की कटौती कर चुका है।
मौद्रिक समीक्षा पर क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो दर को चार प्रतिशत पर कायम रख एक अच्छा कदम उठाया है।’’
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आवास ऋण सस्ता बना रहेगा जिससे यह क्षेत्र आगे अच्छी वृद्धि दर्ज करेगा।
नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि ब्याज दरें निचले स्तर पर होने से घर खरीदारों की धारणा मजबूत होगी और त्योहारी सीजन के दौरान लोगों को घर खरीद के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
बेंगलुरु की रियल एस्टेट कंपनी पूर्वांकरा लि. के प्रबंध निदेशक आशीष आर. पूर्वांकरा ने कहा कि रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों को यथावत रख अपने नरम रुख को कायम रखा है। यह रियल एस्टेट क्षेत्र के पुनरुद्धार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ब्याज दरें दशक भर के निचले स्तर पर हैं जिससे आवासीय खंड में खरीदारों की रुचि बनी हुई है।
सनटेक रियल्टी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कमल खेतान ने कहा कि ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं। अब ऐसे घर खरीदार बाजार में खरीदारी के लिए आएंगे जिन्होंने अभी तक इस अनुकूल स्थिति का लाभ नहीं उठाया है।
गौड़ ग्रुप के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘हमें क्षेत्र आधारित उपाय की उम्मीद थी। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता। आगामी त्योहारी सीजन के दौरान मांग और बढ़ेगी। हमें उम्मीद है कि निचली ब्याज दरों की वजह से खरीदार रियल एस्टेट संपत्तियों में रुचि दिखाएंगे।’’
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘हम नरम रुख और अर्थव्यवस्था में नकदी बनाए रखने की प्रतिबद्धता को लेकर आरबीआई के दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं। मुद्रास्फीति के दबाव के बावजूद, आरबीआई का प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखना और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये अनुकूल नीतिगत उपायों को जारी रखना समय की आवश्यकता थी।’’
उन्होंने कहा नीतिगत दर के न्यूनतम स्तर पर बने रहने से आवास ऋण की दरें मौजूदा निचले स्तर पर बनी रहेंगी और रियल एस्टेट क्षेत्र के पुनरुद्धार में मदद करेंगी।
हाउसिंग.कॉम और प्रॉपटाइगर के समूह मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) विकास वधावन ने कहा कि यह फैसला उद्योग, विशेषरूप से घर खरीदारों की दृष्टि से काफी अच्छा है। इससे बड़ी संख्या में लोग संपत्ति में निवेश कर सकेंगे।
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