अध्ययन में हुई पुन: पुष्टि, करीबी संपर्क में आने से कोरोना वायरस के प्रसार की दर काफी अधिक
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नयी दिल्ली, 25 मई भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पुन: पुष्टि की है कि करीबी संपर्क में आने से कोरोना वायरस के प्रसार की दर काफी अधिक होती है, इसलिए भौतिक दूरी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और संक्रमण नियंत्रण जैसे जनस्वास्थ्य कदम महामारी के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक हैं।

अध्ययन में इतालवी पर्यटकों में सार्स-कोव-2 संक्रमण के पहले क्लस्टर में सामने आई चीजों को साझा करते हुए आईसीएमआर ने यह भी कहा कि लक्षण पूर्व और लक्षणमुक्त मामलों में संक्रमित के करीबी संपर्कों की जांच महत्वपूर्ण है तथा इस बात पर जोर दिया कि महामारी के सामुदायिक प्रसार को रोकने के लिए करीबी संपर्कों का पता लगाने तथा उनकी जांच करने की रणनीति शुरू में ही संक्रमित का पता लगाने तथा उन्हें पृथक रखने के लिए काफी अहम है।

मार्च-अप्रैल में 16 इतालवी पर्यटकों और एक भारतीय में सार्स-कोव-2 संक्रमण के क्लस्टर की विस्तृत जांच की गई थी। आईसीएमआर की संबंधित अध्ययन रिपोर्ट इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में ऑनलाइन प्रकाशित हुई।

इटली के 23 पर्यटकों का एक समूह 21 फरवरी को तीन भारतीयों के साथ नयी दिल्ली पहुंचा था। ये लोग राजस्थान में कई पर्यटन स्थलों पर गए।

समूह में शामिल 69 वर्षीय एक इतालवी पुरुष को 29 फरवरी को जयपुर स्थित सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। उसे बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण थे। जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया।

उसकी 70 वर्षीय पत्नी को बीमारी का कोई लक्षण नहीं था, लेकिन जांच में वह भी संक्रमित पाई गई। पति-पत्नी दोनों को पृथक कर दिया गया। समूह के शेष 24 सदस्य (21 इतालवी और तीन भारतीय) दो मार्च को एक ही ट्रेन बोगी से दिल्ली लौट आए और उन्हें भी पृथक कर दिया गया।

शुरू में ये सभी लक्षणमुक्त थे। तीन मार्च को उनके गले और नाक से नमूने लेकर जांच की गई जिनमें से 15 (14 इतालवी और एक भारतीय) लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले। इन लोगों को पृथक-वास में रखा गया।

इस तरह तीन मार्च तक 26 लोगों में से 17 कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए और संक्रमण की यह दर 65.4 प्रतिशत थी।

इन 17 रोगियों में से नौ लक्षणयुक्त थे और आठ में कोई लक्षण नहीं था। लक्षणयुक्त नौ लोगों में से छह को हल्का बुखार था, एक की हालत गंभीर थी और दो बुरी तरह बीमार थे।

देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान इकाई ने कहा, ‘‘कोविड-19 की पुष्टि के दिन और आरटी-पीसीआर नेगेटिविटी के बीच औसत अवधि 18 दिन (रेंज-12-23 दिन) की थी। मामलों की 11.8 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ दो लोगों की मौत हो गई।’’

आईसीएमआर ने कहा कि यह अध्ययन करीबी संपर्कों में संक्रमण के प्रसार की दर काफी अधिक होने की पुन: पुष्टि करता है, इसलिए संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए भौतिक दूरी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और संक्रमण नियंत्रण जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य कदम आवश्यक हैं।

इसने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन क्लस्टर ने मौजूदा आंकड़ों में दर्ज संभावित दर के मुकाबले अधिक जोखिम दर दर्शाई जैसे कि डायमंड प्रिंसेस क्रूज पोत में (19.2) प्रतिशत और ग्रांड प्रिंसेस क्रूज पोत में (16.6) प्रतिशत।’’

आईसीएमआर ने कहा कि यह यात्रा के दौरान बंद वातावरण, सूचकांक मामले के अधिक और लगातार संपर्क में आने की वजह से हो सकता है।

अध्ययन में कहा गया कि सूचकांक मामले को छोड़कर अन्य मामले जांच के समय लक्षणमुक्त मामले थे और समूची बीमारी के दौरान लगभग आधे मामले लक्षणमुक्त मामले रहे।

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