जरुरी जानकारी | आरबीआई के रुख से मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने, वृद्धि में मदद मिलेगी: विशेषज्ञ
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर रेपो को यथावत रखने के फैसले से टिकाऊ आर्थिक वृद्धि के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उद्योग विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
नयी दिल्ली, आठ अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत दर रेपो को यथावत रखने के फैसले से टिकाऊ आर्थिक वृद्धि के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। उद्योग विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
केंद्रीय बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया और प्रमुख रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुख्य मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा और खाद्य मुद्रास्फीति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इससे संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति दूसरी तिमाही में कम होगी, लेकिन तीसरी तिमाही में बढ़ेगी। भविष्य में दरों में कटौती का कोई भी फैसला आंकड़ों पर आधारित होगा और सोच-समझकर लिया जाएगा।’’
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अक्टूबर में तस्वीर बहुत स्पष्ट नहीं हो सकती है और इसलिए नीति में कोई भी बदलाव दिसंबर से पहले होने की संभावना नहीं है।
उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, ‘‘आरबीआई की मौद्रिक नीति का संदेश टिकाऊ आर्थिक वृद्धि के साथ मूल्य स्थिरता को प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखना है।’’
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा, ‘‘लगातार भू-राजनीतिक संकट और मजबूत घरेलू व्यापक आर्थिक बुनियादी बातों के बीच मौद्रिक नीति का यथास्थिति रुख स्वागत योग्य है।’’
पीडब्ल्यूसी इंडिया के आर्थिक सलाहकार और भागीदार रानेन बनर्जी ने कहा कि आरबीआई गवर्नर के पिछले बयानों को देखते हुए नीतिगत दर में निरंतर ठहराव और समायोजन वापस लेने के रुख पर कायम रहना उम्मीद के मुताबिक है।
इक्रा लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि डिजिटल प्रक्रियाओं के जरिये ऋण उपलब्धता की सुगमता को देखते हुए ऋण सुविधा और क्रेडिट प्रोफाइल में तेजी से बदलाव हो सकता है। ऐसे में कर्ज देने वालों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
बैंकबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी ने डिजिटल ऋण देने वाले ऐप के आंकड़े एकत्रित करने के आरबीआई के कदम का स्वागत किया। शेट्टी ने कहा, ‘‘यह एक ऐसा कदम है, जो उपभोक्ताओं को नकली ऐप की पहचान करने में मदद करेगा और उन्हें केवल वैध डिजिटल ऋण ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।’’
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