देश की खबरें | राणा दंपत्ति के मामले में अदालत की टिप्पणी को लेकर राउत ने फिर ‘राहत घोटला’ की बात कही

मुंबई, छह मई शिवसेना नेता संजय राउत ने सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत देते समय मुंबई स्थित विशेष अदालत द्वारा की गई उस टिप्पणी को ‘राहत घोटाला’ करार दिया, जिसमें कहा गया है कि दंपत्ति के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है। इसके पहले राउत ने किरीट सोमैया को राहत देने के मामले में बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर ‘राहत घोटाला’ करार दिया था।

भाजपा पर हमला करते हुए शिवसेना सांसद ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र की तरफ देखने से ऐसा महसूस होता है कि ब्रिटिश राज बेहतर था।

राउत ने अदालत के आदेश पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘देश में जो राहत घोटाला चल रहा है, इसके बहुत से पहलू हैं, अपराध और आरोप केवल हमारे खिलाफ साबित किये गये, लेकिन और लोगों के खिलाफ समान अरोप क्यों नहीं साबित किये जाते? यह शोध का विषय है।’’

विशेष अदालत के न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने बुधवार को विधायक दंपति को जमानत देते हुए कहा कि इस स्तर पर प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) (देशद्रोह) के तहत आरोप नहीं बनता है।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि राजनेता दंपत्ति ने ‘निस्संदेह संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमा’ को लांघा है, लेकिन अपमानजनक या आपत्तिजनक शब्दों की अभिव्यक्ति उनके खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हो सकती है।

राणा दंपत्ति को 23 अप्रैल को खार पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) और 153 (ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया था। दंपति ने घोषणा की थी कि वे यहां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।

दंपत्ति के इस ऐलान से शिवसेना के कार्यकर्ता नाराज हो गए, जिससे तनाव पैदा हो गया। हालांकि, बाद में दंपत्ति ने अपनी योजना छोड़ दी थी। जमानत मिलने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को वे जेल से बाहर आए।

पिछले महीने भी राउत ने महाराष्ट्र भाजपा के नेता किरीट सोमैया को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को ‘राहत घोटाला’ करार दिया था। अदालत ने सेवामुक्त युद्धपोत आईएनएस विक्रांत को नष्ट होने से बचाने के लिए एकत्र किए गए धन के कथित दुरुपयोग से संबंधित धोखाधड़ी के मामले में सोमैया को यह राहत दी थी।

राउत ने तब पूछा था कि कैसे केवल एक पार्टी के लोग अदालतों द्वारा दी गई ‘राहत’ के लाभार्थी हैं। भारतीय विधिज्ञ संघ (इंडियन बार एसोसिएशन) ने पिछले महीने बंबई उच्च न्यायालय में राउत की टिप्पणियों को लेकर एक अवमानना ​​​​याचिका दायर की थी।

इस याचिका में दावा किया गया था कि प्रतिवादियों ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और न्यायिक प्रणाली के खिलाफ कई ‘असत्य, निंदनीय और अवमाननापूर्ण’ आरोप लगाए हैं।

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