इंदौर में पुलिस कर्मी पर पथराव के चार मुख्य आरोपियों के खिलाफ लगाया गया रासुका

अधिकारियों ने बताया, ‘‘मंगलवार शाम सामने आयी घटना के जिन मुख्य आरोपियों पर जिलाधिकारी मनीष सिंह ने रासुका लगाया, उनमें जावेद खान (25), सलीम खान (50), इमरान खान (24) और समीर अनवर (22) शामिल हैं। दो-दो आरोपियों को जबलपुर और सतना की जेलों में कैद किये जाने के आदेश दिये गये हैं।’’

इंदौर, आठ अप्रैल मध्यप्रदेश के इंदौर में कर्फ्यू ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी पर पथराव की घटना को लेकर सख्त कदम उठाते हुए जिला प्रशासन ने चार मुख्य आरोपियों पर बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया।

अधिकारियों ने बताया, ‘‘मंगलवार शाम सामने आयी घटना के जिन मुख्य आरोपियों पर जिलाधिकारी मनीष सिंह ने रासुका लगाया, उनमें जावेद खान (25), सलीम खान (50), इमरान खान (24) और समीर अनवर (22) शामिल हैं। दो-दो आरोपियों को जबलपुर और सतना की जेलों में कैद किये जाने के आदेश दिये गये हैं।’’

पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) महेशचंद्र जैन ने बताया, ‘‘चंदन नगर इलाके में मंगलवार शाम कर्फ्यू का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे लोगों को एक पुलिस आरक्षक ने अपने घर जाने को कहा था। इस बात को लेकर इन लोगों ने पुलिस कर्मी से विवाद किया और अचानक उस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस कर्मी ने जैसे-तैसे मौके से निकलकर खुद को बचाया।’’

उन्होंने बताया कि मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से चार मुख्य आरोपियों पर रासुका लगाया गया है।

जैन ने बताया कि पुलिस कर्मी पर हमले को लेकर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी का आदेश नहीं मानना), धारा 353 (लोक सेवकों को भयभीत कर उन्हें उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उन पर हमला) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

इस बीच, घटना का वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक गली में सात-आठ बलवाइयों से घिरा पुलिस आरक्षक इनसे बचने के लिये दौड़ लगाता नजर आ रहा है। ये लोग पुलिस कर्मी के पीछे दौड़ते हुए उस पर पत्थर फेंकते दिखायी दे रहे हैं। बलवाइयों में शामिल एक व्यक्ति को सड़क पर पड़ा डंडा उठाकर पुलिस कर्मी के पीछे भागते देखा जा सकता है।

इससे पहले, शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में एक अप्रैल को पथराव में दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आयी थीं। दोनों महिला डॉक्टर कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्यीय दल में शामिल थीं। यह दल कोविड-19 के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था।

अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव के मामले में भी चार आरोपियों पर रासुका लगाया था और उन्हें रीवा के केंद्रीय जेल भेज दिया था।

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