Hanuman Chalisa Controversy: संजय राउत ने सांसद नवनीत राणा को दी धमकी, कहा- शिवसेना के धैर्य की परीक्षा ना लें

शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा को सीट से दोबारा चुनाव जीतने की चुनौती दी और कहा कि जो भी उनकी पार्टी के धैर्य की परीक्षा लेगा उसे ‘‘जमीन में 20 फुट नीचे गाड़ दिया जाएगा.

संजय राउत व नवनीत राणा (Photo Credits ANI)

Hanuman Chalisa Controversy: शिवसेना (Shivsena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने शनिवार को अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा (Navneet Rana) को सीट से दोबारा चुनाव जीतने की चुनौती दी और कहा कि जो भी उनकी पार्टी के धैर्य की परीक्षा लेगा उसे ‘‘जमीन में 20 फुट नीचे गाड़ दिया जाएगा.’ राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने घोषणा की थी कि वे दोनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित निजी आवास मातोश्री के सामने शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. उनकी यह घोषणा शिव सैनिकों को रास नहीं आयी और वे खार स्थित निर्दलीय विधायक के आवास पर पूरे दिन धरने पर बैठे रहे.

हालांकि, सांसद-विधायक दंपती ने दोपहर में अपने दावे को वापस लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सम्मान समारोह में हिस्सा लेने के लिए रविवार को मुंबई आ रहे हैं और इस दौरान वे कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी नहीं करना चाहते हैं. नागपुर में संवाददाता सम्मेलन में संजय राउत ने कहा कि कुछ ‘फर्जी लोग’ राज्य का माहौल खराब करना चाहते हैं और भाजपा उनका समर्थन कर रही है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र की राजनीति हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर गरमाई, मुंबई पुलिस ने अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति को किया गिरफ्तार

दंपती का नाम लिए बगैर राउत ने कहा कि जो आज हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कर रहे हैं उन्होंने हिन्दुत्व और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया था. राउत ने कहा, ‘‘मैं उनसे शिवसेना और मतोश्री के साथ नहीं खेलने का अनुरोध करता हूं, वरना उन्हें जमीन में 20 फुट नीचे गाड़ दिया जाएगा। शिव सैनिकों के धैर्य की परीक्षा ना लें. उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रही राणा काभाजपा साथ दे रही है.

राउत ने दावा किया, ‘‘अमरावती से लोकसभा चुनाव लड़ने और जीतने के लिए उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र का उपयोग किया। यह घोटाला है और केन्द्र उनकी मदद कर रहा है। वह उच्च न्यायालय में मुकदमा हार गईं और अब मामला उच्चतम न्यायालय में है.

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