इंफाल, 19 नवंबर मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में मंगलवार को कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों ने पूर्वोत्तर राज्य के कुछ हिस्सों में अफस्पा को फिर से लागू करने के विरोध में रैली निकाली। हालांकि, राज्य में हाल में हुई हिंसा के मद्देनजर लगाये गए कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर पुलिस ने जुलूस को किसम्पत चौक पर रोक दिया।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन (एएमयूसीओ), पोइरेई लीमारोल मीरा पैबी अपुनबा मणिपुर और अन्य स्थानीय निकायों के सदस्यों ने जिले के क्वाकेथेल क्षेत्र से रैली निकाली और रोके जाने से पहले लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी तय की।
उन्होंने कहा, ‘‘हम छह थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में अफ्सपा को फिर से लागू करने की कड़ी निंदा करते हैं। जिरीबाम में अफ्सपा को फिर से लागू किए जाने के कुछ ही दिनों बाद जिरीबाम जिले में गोलीबारी की घटना हुई।’’
उन्होंने जिरीबाम गोलीबारी की घटना का जिक्र किया जिसमें रविवार रात एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।
यह घटना सुरक्षा बलों और जिरीबाम के बाबूपारा इलाके में संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही भीड़ के बीच झड़प के दौरान हुई। अफ्सपा अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोलीबारी करने के व्यापक अधिकार देता है, अगर वे इसे ‘‘सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने’’ के लिए आवश्यक समझते हैं।
केंद्र ने हाल ही में मणिपुर के छह थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफ्सपा) को फिर से लागू किया है, जिसमें हिंसा प्रभावित जिरीबाम भी शामिल है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यह निर्णय वहां जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है।
जिन थानाक्षेत्रों में अफ्सपा को फिर से लागू किया गया है, उनमें इंफाल पश्चिम में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्व में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग शामिल हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)