नयी दिल्ली, 20 दिसंबर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान और संसद परिसर में कुछ सांसदों द्वारा ‘अशोभनीय आचरण’ करते हुए उनका मजाक उड़ाए जाने की घटना पर विपक्षी दलों के रुख के खिलाफ सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा में खड़े होकर प्रश्नकाल की कार्यवाही में हिस्सा लिया।
इस दौरान, भाजपा के सहयोगी दलों के सदस्यों के अलावा बीजू जनता दल, तेलुगू देशम पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस सहित कुछ मनोनीत सदस्यों ने भी खड़े होकर सदन की कार्यवाही में भाग लिया। सदन के नेता पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई वरिष्ठ सदस्य भी प्रश्नकाल की कार्यवही के दौरान अपने-अपने स्थान पर खड़े रहे।
हालांकि कुछ देर बाद सभापति धनखड़ के आग्रह को स्वीकार करते हुए सभी सदस्य अपने-अपने स्थान पर बैठ गए और फिर कार्यवाही में हिस्सा लिया।
दोपहर 12 बजे कार्यवाही आरंभ होते ही धनखड़ ने प्रश्नकाल शुरु कराया।
इसी दौरान, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कुछ सांसदों की ओर से धनखड़ को निशाना बनाते हुए ‘अशोभनीय आचरण’ किए जाने की घटना का उल्लेख किया और उसे संवैधानिक पद का अपमान करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी वर्ग और समाज को ऐसे कलंकित करना बिल्कुल ठीक नहीं है।’’
उन्होंने 20 वर्षों के अपने संसदीय सफर का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पहली बार देख रहे हैं कि विपक्षी सदस्य इस स्तर तक आ गए हैं जिसकी कोई सीमा नहीं है।
जोशी ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने 20 वर्ष तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपमानित किया क्योंकि वह गरीब परिवार से आते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक का अपमान किया जबकि वह एक महिला हैं और जनजातीय समूह से ताल्लुक रखती हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘आप जो किसान पुत्र हैं... पहली बार एक जाट समाज का किसान पुत्र उपराष्ट्रपति के पद तक पहुंचा है... उपराष्ट्रपति पद को... संवैधानिक पद को भी वे अपमानित कर रहे हैं। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उपराष्ट्रपति का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान। संविधान का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।’’
जोशी ने कहा कि कल जिस तरीके से उपराष्ट्रपति और संविधान को अपमानित किया गया उसके विरोध में और संवैधानिक पद के सम्मान में सत्ता पक्ष के सदस्य खड़े होकर प्रश्नकाल में हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘उनके विरोध में और आपके सम्मान में... संविधान के सम्मान में... आपकी अनुमति से खड़े होकर पूरा एक घंटा खड़े होकर हम इस प्रश्नकाल में हिस्सा लेंगे।’’
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्य भुवनेश्वर कलिता ने शिक्षा मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न किया जिसका जवाब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिया।
इस दौरान विपक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर संसद की सुरक्षा में चूक मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री के बयान की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे जबकि सत्ता पक्ष के सदस्य मंत्री के जवाब के दौरान खड़े होकर ही मेज थपथपा रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन उनकी आवाज सुनी नहीं जा सकी।
कुछ विपक्षी सदस्य इस दौरान ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे भी लगा रहे थे।
इसके बाद सभी विपक्षी सदन से बहिर्गमन कर गए।
थोड़ी देर बाद धनखड़ ने सदन में खड़े होकर कार्यवाही में भाग ले रहे सदस्यों के कदम का उल्लेख करते हुए कहा कि वह इससे बहुत प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी व्यक्ति का प्रतिनिधित्व नहीं करता। मैं एक संस्था का संरक्षक हूं। मैं इसके प्रति जवाबदेह हूं। संस्था और जिस पद पर मैं हूं, मुझे उसका संरक्षक होना चाहिए। आपके खड़े होने के भाव ने वास्तव में मेरे दिल को छू लिया है।’’
सभापति ने सदस्यों से अनुरोध किया वे अपने-अपने स्थान पर बैठ जाएं और कार्यवाही में हिस्सा लें।
इसके बाद सदन में मौजूद सभी सदस्य अपने-अपने स्थान पर बैठ गए और प्रश्नकाल की कार्यवाही आगे बढ़ी।
उल्लेखनीय है कि संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा करने पर दोनों सदनों से 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। निलंबन के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने कल मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और सदन की ‘मॉक कार्यवाही’ का आयोजन किया था।
निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना दिया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा, सदनों की कार्यवाही का संचालन किए जाने की नकल उतारी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, बनर्जी द्वारा कार्यवाही के संचालन की नकल उतारे जाने का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखे गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ को फोन किया और संसद परिसर में कुछ सांसदों की ओर से ‘अशोभनीय आचरण’ करते हुए उनका मजाक उड़ाए जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संसद परिसर में उप राष्ट्रपति को जिस तरह अपमानित किया गया, उससे वह बेहद व्यथित हैं।
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