सांबा/जम्मू, 12 सितंबर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में, 2,941 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 90 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ यहां पहुंचे सिंह का जम्मू हवाई अड्डे पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना एवं भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया. सिंह ने सांबा जिले में बिश्नाह-कौलपुर-फूलपुर रोड पर अत्याधुनिक 422.9 मीटर लंबे देवक पुल के अलावा 89 अन्य परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया.
बीआरओ के एक प्रवक्ता ने कहा कि देवक पुल रक्षा बलों के लिए सामरिक महत्व का है और इससे सैनिकों, भारी उपकरणों और मशीनीकृत वाहनों को अग्रिम क्षेत्रों में तेजी से भेजने में मदद मिलेगी और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि बीआरओ परियोजनाओं में 10 सीमावर्ती राज्यों और उत्तरी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों के केंद्र शासित प्रदेशों में 22 सड़कें, 63 पुल, एक सुरंग, दो हवाई पट्टियां और दो हेलीपैड शामिल हैं, जिनका निर्माण अधिकांश दुर्गम इलाकों में चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में किया गया है.
अधिकारी ने कहा कि डिजिटल रूप से जिन 89 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया उनमें से 36 अरुणाचल प्रदेश में, 25 लद्दाख में, 11 जम्मू- कश्मीर में, पांच मिजोरम में, तीन हिमाचल प्रदेश में, दो-दो सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में और एक-एक नगालैंड, राजस्थान और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में हैं. प्रवक्ता ने कहा कि बीआरओ ने महत्वपूर्ण सामरिक परियोजनाओं को रिकॉर्ड समय में पूरा किया और उनमें से कई का निर्माण अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक ही कार्य सत्र में किया गया.
उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी नेचिफू सुरंग रणनीतिक तवांग क्षेत्र को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और यहां तैनात सशस्त्र बलों तथा प्राचीन तवांग क्षेत्र का दौरा करने वाले पर्यटकों दोनों के लिए फायदेमंद होगी.
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू डिजिटल रूप से इस समारोह में शामिल हुए. प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बागडोगरा और बैरकपुर हवाई अड्डों के पुनर्निर्माण एवं पुनरुद्धार से न केवल सीमाओं पर भारतीय वायु सेना की रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताओं में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी मिलेगी. प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में न्योमा हवाई पट्टी की डिजिटल रूप से नींव भी रखी, जिसे 218 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस हवाई पट्टी के निर्माण से लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा और उत्तरी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी. रक्षा मंत्री ने बाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जम्मू के जगती परिसर में जारी ‘नॉर्थ टेक संगोष्ठी’ में भी भाग लिया. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिन्द्र कुमार ने सोमवार को तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया था.
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