Kota Suicide: कोटा में सुसाइड की घटनाओं को रोकने के लिए पूरी कोशिश, हॉस्टलों की बालकनी में लगाए गए जाल
कोटा ,हॉस्टलों की बालकनी में लगाए गए जाल (Photo Credit: Twitter)

कोटा (राजस्थान), 27 अगस्त: कोचिंग का केंद्र कहे जाने वाले कोटा के छात्रावासों में आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है जिसके तहत यहां बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए जा रहे हैं. यह भी पढ़ें: Assam Shocker: भाजपा सांसद ने अपने घर से घरेलू सहायिका के बेटे का शव मिलने पर इसे आत्महत्या बताया

छात्रावास मालिकों ने बताया कि वे इस तरह की दुखद घटनाओं से बचने के लिए अपने परिसर को ‘आत्महत्या रोधी’ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इससे पहले पंखों में स्प्रिंग उपकरण लगाने का कदम भी उठाया गया था.

अधिकारियों के अनुसार, इस साल कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली जो कि अब तक किसी भी वर्ष में हुई सर्वाधिक घटनाएं हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 15 था.

आठ मंजिलों में 200 से अधिक कमरों वाले बालिकाओं के छात्रावास ‘विशालाक्षी रेजीडेंसी’ के मालिक विनोद गौतम ने कहा, ‘‘हमने सभी लॉबी और बालकनियों में बड़े-बड़े जाल लगाए हैं ताकि छात्राएं ऊंची मंजिल से कूदें तो उन्हें रोका जा सके. ये जाल 150 किलोग्राम तक वजन सह सकते हैं और इनसे कोई घायल भी नहीं होगा.’’

एक अन्य हॉस्टल मालिक ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि सभी लॉबी, खिड़कियों और बालकनियों में लोहे की जाली लगाई गई हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर छात्र या तो पंखे से लटककर या ऊंची इमारत या छत से कूदकर आत्महत्या करते है. हमने किसी भी घटना से बचने के लिए दोनों के लिए उपाय किए हैं.

इस तरह की घटनाओं से व्यवसाय भी प्रभावित होता है क्योंकि आत्महत्या की घटना के बाद छात्र उस छात्रावास से अन्य छात्रावास में स्थानांतरित होने लगते हैं.’’ उपायुक्त ओपी बुनकर ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘हम बच्चों के नियमित मनोवैज्ञानिक परीक्षण से लेकर माता-पिता के साथ लगातार बातचीत करने जैसे कई उपाय कर रहे हैं.’’

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