जयपुर, 13 जनवरी राजस्थान सरकार ने अंधता नियंत्रण नीति लागू की है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार ‘राइट टू साइट विजन’ के उद्देश्य के साथ यह लागू करने वाला राजस्थान देश का ‘पहला राज्य’ है।
एक सरकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में निरोगी राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक अभिनव पहल की है। बयान में दावा किया गया कि देश में पहली बार राजस्थान सरकार द्वारा ‘राइट टू साइट विजन’के उद्देश्य के साथ अंधता नियंत्रण नीति लागू की गयी है।
बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को अंधता निवारण नीति का दस्तावेज सार्वजनिक किया गया; राज्य में तीन लाख से अधिक दृष्टिबाधिता से पीड़ित लोगों के जीवन में रोशनी लाने के उद्देश्य से इस नीति को लाया गया है।
उल्लेखनीय है कि देश में वर्ष 2020 में अंधता प्रसार दर 1.1 प्रतिशत थी, जिसे ‘राइट टू साइट विजन’ नीति के द्वारा 0.3 प्रतिशत तक लाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
राज्य सरकार की अंधता नियंत्रण नीति के तहत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रूप से ‘केराटोप्लास्टी सेंटर’ और आई बैंक संचालित किये जाएंगे। इस नीति के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले निजी संगठनों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा एकत्रित कॉर्निया को प्राथमिकता से सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि इसके तहत जिलों में इस क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं, ट्रस्ट, अस्पतालों एवं अन्य चैरिटेबल संस्थाओं के साथ मिलकर प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा निजी संस्थाओं को साथ लेकर व्यापक स्तर पर नेत्रदान के लिए मुहिम चलाई जाएगी। नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र सर्जन, स्नातकोत्तर के विद्यार्थी, नेत्रदान के लिए कार्यरत काउंसलर एवं नेत्र सहायक आदि को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)