जयपुर, 24 अप्रैल राजस्थान में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति सुचारू एवं सुनिश्चित करने के लिए जुट गई है। फिलहाल राज्य में ऑक्सीजन ढुलाई के लिए 20 से अधिक विशेष टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है जबकि 32000 और सिलेंडर अधिग्रहीत किए गए हैं। जोधपुर में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना की सेवाएं ली गई हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने आक्सीजन मैनेजमेंट ग्रुप गठित किया है अैर आक्सीजन की मांग एवं आपूर्ति पर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर लगातार निगरानी की जा रही है।
प्रवक्ता के अनुसार सभी जिलों के उद्योग केंद्र और रीको के अधिकारी जिला प्रशासन के साथ मिलकर औद्योगिक इकाईयों के पास उपलब्ध ऑक्सीजन सिलेंडरों का अधिग्रहण कर रहे हैं। औद्योगिक उपयोग के करीब 32 हजार ऑक्सीजन सिलेंडरों को चिकित्सकीय आक्सीजन के उपयोग में लेने हेतू जिला प्रशासन को सौंपने की प्रकिया जारी है।
राज्य में ऑक्सीजन ढुलाई के लिए 20 से अधिक विशेष टैंकर लगे हैं। रियल टाईम मॉनिटरिंग के लिए सभी टैंकरों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। साथ ही ऑक्सीजन ले जा रहे टैंकरों को सुरक्षा के पूरे रास्ते में पुलिस जाब्ता भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि संकट के इम समय में लोगों की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हो सके। आगामी 23 दिनों में और अधिक टैंकर लगाए जाएंगे।
राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर्स खरीदने की अनुमति देकर कुल 190 लाख रुपये का बजट जारी किया है।
जोधपुर में चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भारतीय वायुसेना के सबसे बडे मालवाहक सी-17 ग्लोब मास्टर की सेवाएं ली गई हैं। इस विमान से 30 से 35 मीट्रिक टन आक्सीजन जामनगर से जोधपुर पहुंचाइ जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में जहां गत सप्ताह आक्सीजन की खपत 160 मीट्रिक टन थी जो कल बढकर 250 मीट्रिक टन हो गयी है जबकि 277 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सभी स्त्रोतों से उपलब्ध हो रही है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकार्ड 15,355 नये मामले आये।
पृथ्वी
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