देश की खबरें | राज्य में अगले पांच दिनों तक बारिश का अलर्ट, वर्षाजनित हादसों में तीन लोगों की मौत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग में अगले पांच दिनों तक प्रदेश के अनेक हिस्सों में वर्षा होने की संभावना जताई है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में तीन लोगों की मौत हुई है।
लखनऊ, 11 जुलाई उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग में अगले पांच दिनों तक प्रदेश के अनेक हिस्सों में वर्षा होने की संभावना जताई है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में तीन लोगों की मौत हुई है।
मौसम केंद्र लखनऊ की रिपोर्ट के मुताबिक अगली 15 जुलाई तक उत्तर प्रदेश के लगभग सभी स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है। इस दौरान राज्य के पश्चिमी हिस्सों में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर जबकि पश्चिमी भागों में अनेक जगहों पर वर्षा हुई। कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई। इस दौरान सहारनपुर जिले के बेहट में सबसे ज्यादा 21 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
इसके अलावा सहारनपुर में 12 सेंटीमीटर, सहारनपुर जिले के ही नकुड़ क्षेत्र में 11, मुजफ्फरनगर के जानसठ में नौ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के ही रामपुर मनिहारान और बाराबंकी के एल्गिन ब्रिज में सात-सात, बरेली, बागपत के बड़ौत और अलीगढ़ के अतरौली में पांच-पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में अनेक स्थानों पर जबकि पश्चिमी भागों में ज्यादातर जगहों पर वर्षा होने की संभावना है।
राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान वर्षाजनित हादसों में तीन लोगों की मौत हुई है। इस दौरान गौतमबुद्धनगर, मैनपुरी और सीतापुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
इस बीच, गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने अधिकारियों के साथ बैठक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी अप्रिय घटना को घटित होने के पूर्व ही जरूरी बंदोबस्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जहां से भी पी ए सी एवं एस डी आर एफ की मांग हो रही हो वहां उन्हें तत्काल भेजा जाए। प्रमुख सचिव ने कहा कि बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में संबंधित जिलाधिकारी निरन्तर निरीक्षण करें ताकि कोई भी अप्रिय घटना घटित न होने पाये।
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