देश की खबरें | रेलवे रिश्वत मामला: सीबीआई ने छापेमारी के दौरान 2.19 करोड़ रुपए किए बरामद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत के एक मामले में 2.19 करोड़ रुपए बरामद करने के बाद पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य विद्युत अभियंता वी के उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वत के एक मामले में 2.19 करोड़ रुपए बरामद करने के बाद पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य विद्युत अभियंता वी के उपाध्याय को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

इससे पहले, सीबीआई ने एक उप मुख्य विद्युत अभियंता रंजीत कुमार बोरा को मंगलवार को गुवाहाटी से कथित तौर पर उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह एक निजी कंपनी से 15 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था।

एजेंसी ने गुवाहाटी, पटना और नोएडा समेत नौ स्थानों पर आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद 2.19 करोड़ रुपए नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे।

सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘इनमें से (करीब) 2.13 करोड़ रुपए नकद और नोएडा में तीन फ्लैट की जानकारी मुख्य अभियंता (उपाध्याय) के परिसरों पर पाई गई।’’

उन्होंने कहा कि बोरा के परिसरों पर छापेमारी के दौरान एजेंसी को करीब छह लाख रुपए नकद राशि मिली और उनके एवं उनके परिवार के नाम पर गुवाहाटी समेत कई स्थानों पर छह फ्लैट की जानकारी मिली।

जोशी ने बताया कि आरोप है कि बोरा उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे की परियोजनाओं में पटना स्थित सन शाइन डिवाइस प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी की हिमायत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने छापा मारा और इस दौरान कंपनी के निदेशक चिंतन जैन के एक कर्मचारी नीरज कुमार को पकड़ा जो जैन की तरफ से बोरा को घूस की रकम पहुंचा रहा था।

उन्होंने कहा कि बोरा, जैन और कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच के दौरान उपाध्याय की भूमिका भी सामने आई और उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया है।

उन्होंने कहा कि आरोप है कि कंपनी ने बोरा को उनके द्वारा किए गए एहसान के बदले में दो बेनामी संपत्तियां दी थीं।

जोशी ने कहा, “यह आरोप लगाया गया था कि पूर्व में एनएफआर में उप मुख्य विद्युत अभियंता (निर्माण) के रूप में तैनात रहने के दौरान लोक सेवक ने कथित निजी कंपनी के निदेशक से दो अचल संपत्तियां (बेनामी फ्लैट) प्राप्त की थीं।”

अधिकारियों ने बताया कि आगे आरोप लगाया गया कि आरोपी ने जैन को पूर्व में अनुचित लाभ देने के एवज में फ्लैट के बदले 2.10 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की और भविष्य में भी अनुचित लाभ देने का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि कंपनी कथित तौर पर 2.10 करोड़ की रिश्वत की रकम की कई किस्तों का पूर्व में भुगतान कर चुकी है।

उन्होंने बताया कि सीबीआई को सूचना मिली थी कि कथित रिश्वत में से 15 लाख रुपये मंगलवार को गुवाहाटी के मालीगांव में दिए जाएंगे, जिसके बाद छापेमारी की गई और बोरा को धन लेते पकड़ा गया।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\