Rahul Gandhi On BJP: राहुल गांधी ने शायराना अंदाज़ में बीजेपी के नेताओं को दिया जवाब, कहा- नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं

भारत जोड़ो यात्रा पर निकले’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि यह देश “मोहब्बत का है, नफरत का नहीं है”, इसलिए वह “ नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं.

राहुल गांधी (Photo: Facebook)

Rahul Gandhi On BJP: ‘भारत जोड़ो यात्रा पर निकले’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि यह देश “मोहब्बत का है, नफरत का नहीं है”, इसलिए वह “ नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं. गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से भी ‘मोहब्बत की दुकान खोलने की’ अपील की. कांग्रेस नेता ने कहा कि उनकी 'भारत जोड़ो यात्रा' के उद्देश्य पर सवाल उठाने वाले भाजपा के नेताओं के लिए यही उनका जवाब है.एक बड़ी जनसभा को यहां संबोधित करते हुए गांधी ने सुझाव दिया कि राजस्थान का हर मंत्री हर महीने एक दिन कम से कम 15 किलोमीटर पैदल यात्रा पर निकाले ताकी वह आम लोगों तक पहुंच सके व उनकी शिकायतों का समाधान कर सके. उन्होंने कहा,' मुझे लगता है कि इससे कांग्रेस पार्टी का, राजस्थान का और हम सब का फायदा होगा.

गांधी ने स्कूलों में अंग्रेजी के इस्तेमाल की आलोचना करने के लिए भी भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधा और कहा कि गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के मुख्यमंत्रियों, सांसदों और विधायकों के बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ते हैं जबकि वे भाषण देते हैं कि अंग्रेजी किसी को नहीं बोलनी चाहिए. गांधी ने कहा कि उनकी यात्रा कई बार भाजपा कार्यालयों के आगे से गुजरी जिस दौरान भाजपा के नेता व कार्यकर्ता इशारों-इशारों में उनकी यात्रा को लेकर सवाल खड़े करते थे. यह भी पढ़े: राहुल गांधी का बड़ा आरोप, भारत को बांट कर अलग-अलग देश बना दिए गए, अब सभी को एक-दुसरे से लड़ाया जा रहा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के अनुसार, “उनके (भाजपा के) नेता कभी कहते हैं कि राहुल गांधी क्या कर रहा है? मेरे दिमाग में भी थोड़ी देर यह आया कि मैं क्या कर रहा हूं, पैदल चल रहा हूं, लोगों से मिल रहा हूं उनसे गले मिल रहा... मैं कर क्या रहा हूं?'गांधी ने कहा, “और जवाब मिल गया... उन भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए जो इशारों में पूछते हैं कि क्या कर रहे हो उनके लिए.... जवाब है ...नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं।” उन्होंने ऐसे भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर 'फ्लाइंग किस' करने का भी जिक्र किया।सभा में बड़ी संख्या में उमड़े लोगों की तालियों व 'राहुल गांधी जिंदाबाद' के नारों के बीच कांग्रेस नेता ने कहा, “आप मुझसे नफरत करो, आप मुझे गाली दो ... यह आपके दिल की बात है। आपका बाजार नफरत का ... मेरी दुकान मोहब्बत की.

उन्होंने कहा कि वह सिर्फ अपनी बात नहीं कर रहे, बल्कि पूरे संगठन की बात कर रहे हैं जिसने इस देश को आजादी दिलाई।कांग्रेस सांसद ने कहा, “महात्मा गांधी, (जवाहरलाल) नेहरू, (वल्लभ भाई) पटेल, (बीआर) आंबेडकर व (मौलाना अबुल कलाम) आजाद इन सब ने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली थी। यही हम करते हैं।”गांधी ने कहा, “यही जवाब है मेरा भाजपा के सब लोगों को कि आइए आप भी नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलना शुरू कीजिए। अंत में आपको (यह) करना पड़ेगा क्योंकि हमारा धर्म, हमारा देश मोहब्बत का देश है... नफरत का नहीं है.

सभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे.अपने संबोधन में गांधी ने अशोक गहलोत सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि गरीबों के लिये शायद देश में सबसे बेहतर योजनाएं राजस्थान में हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना पूरे देश को रास्ता दिखा सकती है. उन्होंने कहा,'चिरंजीवी योजना ने लाखों लोगों के दिल से डर मिटाया है। तो इसकी प्रशंसा करनी पड़ेगी और यह योजना पूरे देश को रास्ता दिखा सकती है.

गांधी ने स्कूलों में अंग्रेजी के इस्तेमाल की आलोचना करने के लिए भाजपा नेताओं पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "भाजपा के नेता जहां भी जाते हैं, अंग्रेजी के खिलाफ बात करते हैं। स्कूलों में अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए, बंगाली होनी चाहिए ... हिंदी होनी चाहिए ...लेकिन अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए।'उन्होंने कहा,' ये जो नेता कहते हैं कि अंग्रेजी नहीं होनी चाहिए उनसे आप पूछिए कि आप बात तो अच्छी कर रहे हो मगर आपका बेटा कौनसे स्कूल में जाता है.  क्या अंग्रेजी माध्यम स्कूल में जाता है। हां या ना... हां. इनके सारे के सारे बच्चे... गृहमंत्री अमित शाह से लेकर इनके सब मुख्यमंत्रियों के बच्चे, सब सांसदों व सब विधायकों के बच्चे सारे के सारे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में जाते हैं और (ये) भाषण देते हैं कि अंग्रेजी किसी को नहीं बोलनी चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा,' ये नहीं चाहते हैं कि हिंदुस्तान का गरीब, किसान का बेटा मजदूर का बेटा अंग्रेजी सीखे. वे चाहते हैं कि आप बड़े सपने नहीं देखो। आप खेत से ही न निकलो, आप मजदूरी से बाहर न निकलो. इसीलिए ये आपसे कहते हैं कि अंग्रेजी मत पढ़ो. उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि हिंदी मत पढ़ो। जरूर पढ़नी चाहिए ... तमिल पढ़नी चाहिए , हिंदी पढ़नी चाहिए, मराठी पढ़नी चाहिए, हिंदुस्तान की सब एं पढ़नी चाहिएं. मगर अगर आप बाकी दुनिया से बात करना चाहते हो तो चाहे वह अमेरिका, जापान या ब्रिटेन हो तो वहां हिंदी काम नहीं आएगी। वहां अंग्रेजी ही काम आएगी.

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