नयी दिल्ली, 20 अगस्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस दावे को खारिज कर दिया कि चीन ने लद्दाख में चारागाह भूमि पर कब्जा कर लिया है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी चीन की ‘प्रोपेगैंडा मशीनरी’ की तरह बयान देकर भारत का अपमान कर रहे हैं।
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गांधी के दावों को ‘बिल्कुल गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान के कारण चीन को गलवान में पीछे हटना पड़ा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कथन कि लद्दाख की एक इंच जमीन पर भी चीन ने कब्जा नहीं किया है, सच नहीं है।
लद्दाख के दौरे पर आए राहुल गांधी ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा, ‘‘लद्दाख के लोग चीनी सेना द्वारा कब्जे में ली गई अपनी चारागाह भूमि को लेकर चिंतित हैं।’’
राहुल गांधी के दावों पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आपने (गांधी ने) लद्दाख के बारे में जो कुछ भी कहा है वह बिल्कुल गलत है... मैं पार्टी की ओर से आपके पूरे बयान की निंदा करता हूं।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी, आप गलवान में हमारे सैनिकों की वीरता और बलिदान पर सवाल उठा रहे हैं…। आप वहां जाकर भारत को बदनाम क्यों करते हैं? आप चीन की ‘प्रोपेगैंडा मशीनरी’ क्यों बन जाते हैं?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राहुल गांधी, जब भी आप सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा करते हैं तो आप कुछ ऐसा कहते हैं, जिससे चीन को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का मौका मिलता है।’’
प्रसाद ने कहा कि भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान के कारण चीन को गलवान में पीछे हटना पड़ा। उन्होंने पूछा, ‘‘यह सच है या नहीं?’’
प्रसाद ने आरोप लगाया, ‘‘भारत-विरोधी बयान देना राहुल गांधी की आदत है।’’
भाजपा नेता ने भारत की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर गांधी की समझ पर सवाल उठाया और कांग्रेस नेता से अपील की कि वह इस तरह की टिप्पणियों से देश का मनोबल कमजोर न करें।
प्रसाद ने कहा, ‘‘हम आपसे इस बात पर बहस कर सकते हैं कि आप भारत की सुरक्षा जरूरतों को कितना समझते हैं... लेकिन कृपया सुरक्षा के मामले में भारत का मनोबल कमजोर न करें।’’
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत-चीन संबंधों में तनाव आया, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।
भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर तीन साल से अधिक समय से टकराव की स्थिति में हैं। हालांकि, दोनों पक्षों ने राजनयिक एवं सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की तैनाती में कमी की है।
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