ताजा खबरें | हंगामे के कारण तीन बार बाधित होने के बाद रास पूरे दिन के लिए स्थगित
Get latest articles and stories on Latest News at LatestLY. सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच पेगासस जासूसी विवाद, नए कृषि कानूनों तथा अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बज कर 55 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
नयी दिल्ली, 28 जुलाई सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच पेगासस जासूसी विवाद, नए कृषि कानूनों तथा अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को तीन बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बज कर 55 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
बहरहाल, हालांकि विपक्ष के हंगामे के बावजूद मानसून सत्र में उच्च सदन में आज पहली बार प्रश्नकाल हुआ। इसके अलावा किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से सदन की मंजूरी मिली
तीन बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर 45 मिनट पर उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्य शांता छेत्री के स्वास्थ्य के बारे में सदन को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शांता को रक्तचाप में मामूली वृद्धि होने की वजह से डॉ राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया है और वहां उनके स्वास्थ्य में सुधार है।
गौरतलब है कि पेगासस जासूसी विवाद और तीनों कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने आसन के समक्ष आ कर हंगामा और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसी दौरान तृणमूल सदस्य शांता छेत्री की तबियत खराब हो गई जिसकी वजह से सदन की बैठक दोपहर दो बज कर 15 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित की गई।
शांता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के बाद पीठासीन अध्यक्ष कालिता ने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 पर अपनी बात पूरी करने के लिए कहा। स्मृति ने अपनी बात पूरी की जिसके बाद विधेयक पर चर्चा के लिए पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने सदस्यों के नाम पुकारे। इनमें से कुछ सदस्य सदन में नहीं थे, कुछ आसन के समक्ष हंगामा कर रहे थे और कुछ ने सदन में व्यवस्था न होने का तर्क दे कर अपनी बात नहीं रखी।
चर्चा में किसी सदस्य के हिस्सा न लेने पर पीठासीन अध्यक्ष कालिता ने मंत्री से कहा कि वे विधेयक पारित करने के लिए प्रस्ताव करें। स्मृति ने विधेयक पारित करने के लिए प्रस्ताव किया और ध्वनि मत से विधेयक को मंजूरी दे दी गई। इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। सदन में व्यवस्था न बनते देख पीठासीन अध्यक्ष ने अपराह्न दो बज कर 55 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने की अपील की।
हंगामे के बीच ही महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 को चर्चा के लिए पेश किया। शोरगुल के बीच ही स्मृति ईरानी ने इस विधेयक पर अपनी शुरूआती टिप्पणी की। लेकिन उनकी टिप्पणी पूरी नहीं हो सकी और आसन ने बैठक दो बजकर करीब 15 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
पूर्व में एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्य अपनी मांगों को लेकर नारे लगाते हुए और तख्तियां लहराते हुए आसन के समीप आ गये। उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने हंगामा कर रहे कुछ सदस्यों के मास्क नहीं लगाने पर अप्रसन्नता जतायी।
हंगामे के बीच ही सदन में प्रश्नकाल हुआ। सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने उनके जवाब दिए।
प्रश्नकाल में उपसभापति हरिवंश ने सूचीबद्ध सभी पूरक प्रश्नों के जवाब पूरे करा दिए। सभी सूचीबद्ध पूरक सवालों के जवाब दिए जाने के बाद 12 बज कर करीब 40 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह, सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल के तहत मुद्दा उठाने के लिए माकपा की झरनादास वैद्य का नाम पुकारा, विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा शुरू कर दिया।
जब हंगामा कर रहे सदस्यों में से कुछ ने आसन के समक्ष आने का प्रयास किया तो सभापति ने उन्हें रोकते हुए कहा कि वे तख्तियां और पोस्टर नहीं दिखाएं। उन्होंने राज्यसभा सचिवालय को शून्यकाल में मुद्दे उठाने के लिए नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम और उनके मुद्दे का ब्यौरा प्रकाशित करने को कहा।
सभापति ने कहा कि इससे लोगों को पता चल सकेगा कि सदस्य कौन-कौन से मुद्दे उठाना चाहते थे लेकिन व्यवधान के कारण नहीं उठा सके। उन्होंने कहा ‘‘यह सार्वजनिक होना चाहिए।’’ इसके बाद उन्होंने बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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