देश की खबरें | पंजाब: शिअद के कार्यक्रम में दाखिल होने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस बल का प्रयोग
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. पंजाब के मोगा में शिरोमणि अकाली दल के एक कार्यक्रम में किसानों के कथित तौर पर जबरन दाखिल होने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा। इस पूरी घटना के दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
चंडीगढ़, दो सितंबर पंजाब के मोगा में शिरोमणि अकाली दल के एक कार्यक्रम में किसानों के कथित तौर पर जबरन दाखिल होने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस को पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा। इस पूरी घटना के दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
पुलिस ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने शिअद के कार्यक्रम स्थल में घुसने की कोशिश में उनके साथ हाथापाई की और बल पर पथराव भी किया।
मोगा के पुलिस अधीक्षक ध्रुमन निंबाले ने कहा, ‘‘ हमने उन्हें कई बार आगाह किया। लेकिन कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद हमें उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा। उन्होंने घटनास्थल के पास एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम कर दिया, जिसे बाद में खाली कराया गया।’’
उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए लगभग 600 प्रदर्शनकारियों में से करीब 35 को हिरासत में लिया गया ।
शिअद अध्यक्ष एवं सांसद सुखबीर सिंह बादल अनाज मंडी में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, तभी प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती स्थल के अंदर घुसने की कोशिश की। प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों ने कहा कि वे बादल से कुछ मुद्दों पर सवाल करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
एसएसपी ने कहा, ‘‘ उन्होंने अवरोधक तोड़ने की कोशिश की। जब पथराव किया गया, तब उन्हें तितर-बितर करने के लिए हमें लाठीचार्ज करना पड़ा।’’
शिअद के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हाल ही में पंजाब के 100 विधानसभा क्षेत्रों में 100 दिन की एक ‘यात्रा’ शुरू की है।
प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा कि हम नौ महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डटे हैं लेकिन राजनीतिक दलों को ‘‘ सत्ता की अधिक चिंता है और किसानों के लिए वह केवल मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं।’’
मोगा जिले के बाघा पुराना में भी कुछ दिन पहले शिअद के एक कार्यक्रम के दौरान किसानों के एक समूह ने उनका विरोध किया था।
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