चंडीगढ़, 20 अक्टूबर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में पेश किए जाने वाले तीन विधेयकों को मंजूरी देने से राज्यपाल के इनकार करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
मान ने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान से कहा कि उनकी सरकार सदन में कोई भी विधेयक पेश नहीं करेगी और उनसे विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि राज्यपाल के साथ टकराव और बढ़े।’’
मान ने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जब तक हम पंजाबियों को यह सुनिश्चित नहीं करने देते कि यह सत्र वैध है, तब तक हम कोई भी विधेयक पेश नहीं करेंगे और राज्यपाल को (विधेयकों को) मंजूरी देनी होगी और उन पर हस्ताक्षर भी करने होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम आगामी दिनों में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।’’
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री मान को पत्र लिखकर पेश किए जाने वाले तीन विधेयकों को अपनी मंजूरी रोक दी। इसके साथ ही पंजाब के राजभवन और आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के बीच टकराव का नया दौर शुरू हो गया।
पुरोहित ने कहा था, ‘‘भगवंत मान सरकार को इस ‘अनिश्चित सत्र’ को जारी रखने के बजाय मानसून या शीतकालीन सत्र बुलाने का ‘सशक्त सुझाव’ दे रहा हूं।’’
राज्यपाल ने कहा था कि यदि भगवंत मान सरकार ‘स्पष्ट रूप से अवैध सत्र’ जारी रखती है, तो वह राष्ट्रपति को मामले की रिपोर्ट करने सहित उचित कार्रवाई पर विचार करने के लिए मजबूर होंगे।
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