चंडीगढ़, 11 जनवरी खनौरी और शंभू सीमा बिंदुओं पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों ने अनशनरत किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के ‘बिगड़ते’ स्वास्थ्य के मद्देनजर संयुक्त लड़ाई पर निर्णय लेने के लिए शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को पत्र लिखकर 15 जनवरी के बजाय 12 या 13 जनवरी को बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया।
एसकेएम की छह सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को खनौरी में प्रदर्शन स्थल का दौरा किया। समिति ने केंद्र के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए किसान संगठनों के बीच एकता के लिए एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को 15 जनवरी को पटियाला में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था ताकि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की अन्य मांगों को पूरा किया जा सके।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के नेताओं ने शुक्रवार को एसकेएम से बिना किसी देरी के उनके चल रहे आंदोलन को समर्थन देने और मजबूत करने की अपील की थी।
किसान नेता अभमन्यु कोहाड़ ने शनिवार को खनौरी में प्रदर्शन स्थल पर मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के दोनों मंचों ने एसकेएम को पत्र लिखकर रविवार या सोमवार को खनौरी में विरोध स्थल पर एक संयुक्त बैठक आयोजित करने का आग्रह किया है, क्योंकि डल्लेवाल का स्वास्थ्य ‘बिगड़’ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी हालत देखकर हम मोर्चा (विरोध स्थल) छोड़ने की स्थिति में नहीं हैं।’’
डल्लेवाल, जो संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक हैं, फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा बिंदु पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
डल्लेवाल, जिनका आमरण अनशन शनिवार को 47वें दिन में प्रवेश कर गया है, ने लंबे समय तक अनशन के बावजूद अब तक कोई भी चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया है।
एसकेएम की छह सदस्यीय समिति ने खनौरी विरोध स्थल के दौरे के दौरान दल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की थी।
छह सदस्यीय पैनल में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, रमिंदर सिंह पटियाला, जंगवीर सिंह और कृष्ण प्रसाद शामिल हैं।
एसकेएम ने निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के आंदोलन का नेतृत्व किया था। किंतु वह एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के चल रहे वर्तमान आंदोलन का हिस्सा नहीं है।
इस बीच पूर्व क्रिकेटर और आप के राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कृषक समुदाय को बचाना प्राथमिकता होनी चाहिए।
सिंह ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, मैं उन सभी से अनुरोध करता हूं जो इस मुद्दे को हल कर सकते हैं, क्योंकि हर मुद्दे को बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है। किसान और कृषि को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।’’
इस बीच, किसान नेता कोहाड़ ने कहा कि डल्लेवाल का आमरण अनशन शनिवार को 47वें दिन में प्रवेश कर गया। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की हालत हर दिन ‘बिगड़ती’ जा रही है।
डल्लेवाल की मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोहाड़ ने कहा कि उनका यूरिक एसिड 11.64 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर पर पहुंच गया है, जो सामान्य सीमा 3.50-7.20 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से काफी अधिक है। उन्होंने यह भी कहा कि डल्लेवाल के शरीर में सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड की मात्रा बहुत कम है,जबकि कीटोन का स्तर काफी ऊंचा है।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली मार्च को रोक दिया था।
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