देश की खबरें | समृद्ध भारत के लिए स्वस्थ भारत की जरूरत : मांडविया

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नयी दिल्ली, 20 जून केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य और विकास आपस में जुड़े हुए हैं तथा नरेन्द्र मोदी नीत सरकार का लक्ष्य निवारक स्वास्थ्य देखभाल और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के बीच तालमेल के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र रूप से काम करना है।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार मांडविया ने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करके देश के दूर-दराज के हर कोने तक नागरिकों के लिए सस्ती एवं गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

मांडविया ने यहां डॉक्टर आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आयोजित आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) के 21वें दीक्षांत समारोह की डिजिटल तरीके से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा, ‘‘एक समृद्ध भारत के लिए हमें एक स्वस्थ भारत की जरूरत है और एक स्वस्थ भारत के लिए हमें स्वस्थ नागरिक की आवश्यकता है।”

उन्होंने कहा, ‘‘ आज, हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, केंद्र सरकार का लक्ष्य निवारक स्वास्थ्य देखभाल और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के बीच तालमेल के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में समग्र रूप से काम करना है। हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास के अपने आदर्श वाक्य को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, जिसमें अंत्योदय के कल्याण की परिकल्पना की गई है।’’

मांडविया ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य और विकास आपस में जुड़े हुए हैं और हमारी सरकार स्वस्थ नागरिकों के मूल्य को समझती है और इस तरह प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए), प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई), लक्ष्य कार्यक्रम और पीएम आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एडीएचएम) जैसी विभिन्न पहल शुरू की गई हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ये सभी एक सुलभ, किफायती और रोगी के अनुकूल स्वास्थ्य प्रणाली के दृष्टिकोण को पूरा करने में महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुए हैं। इसी परिकल्पना की दिशा में काम करते हुए हमने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों (एम्स) की संख्या भी बढ़ाई है और हर जिले में एक चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण की योजना बना रहे हैं।’’

मांडविया ने कहा, ‘‘दुर्गम और कठिन क्षेत्रों तथा खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों पर विशेष ध्यान देने के माध्यम से, हम अपने स्तर पर असमानताओं को दूर करने के लिए नए और उत्साही जोश से भरे हुए हैं। हम एक स्वस्थ, अधिक समृद्ध भारत के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी की सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के उभरने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें दिखाया है कि इस तरह की वैश्विक महामारी में वृद्धि के कारण आने वाली कड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी को सुधारने और शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ‘‘नैदानिक ​​​​अनुसंधान के बिना, हम यह तय नहीं कर पाएंगे कि नए उपचार हमारे मौजूदा उपचारों से बेहतर हैं या नहीं। इसलिए, नैदानिक ​​अनुसंधान पर नए प्रकार से ध्यान देने की आवश्यकता है।”

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि थीं। इस कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।

बयान के अनुसार दीक्षांत समारोह के दौरान 17467 विशेषज्ञों और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड, डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड और फेलो ऑफ नेशनल बोर्ड की उपाधियां प्रदान की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 210 डॉक्टरों को मेधावी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

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